बालिका गृह यौन हिंसा : फरार पूर्व CWC अध्यक्ष दिलीप वर्मा ने पॉक्सो कोर्ट में किया समर्पण

न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल, पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी सीबीआइ, शुक्रवार को दाखिल कर सकती अर्जी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 20 Dec 2018 03:57 PM (IST) Updated:Thu, 20 Dec 2018 04:39 PM (IST)
बालिका गृह यौन हिंसा : फरार पूर्व CWC अध्यक्ष दिलीप वर्मा ने पॉक्सो कोर्ट में किया समर्पण
बालिका गृह यौन हिंसा : फरार पूर्व CWC अध्यक्ष दिलीप वर्मा ने पॉक्सो कोर्ट में किया समर्पण
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह यौन हिंसा मामले में फरार चल रहे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप वर्मा ने गुरुवार को विशेष पॉक्सो कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उसके विरुद्ध भी सीबीआइ ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल की थी। इससे पहले पुलिस ने भी उसे इस मामले में 11 वां आरोपित बनाया था। ब्रजेश ठाकुर सहित दस आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर ली, जबकि वह पकड़ में नहीं आया। उसे गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट से वारंट व इश्तेहार जारी कराया गया था। सीडब्ल्यू से जुड़ा यह दूसरा आरोपित है, जिसे जेल भेजा गया है। इससे पहले पांच जून को सीडब्ल्यूसी के सदस्य विकास कुमार को गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी सीबीआइ
सीबीआइ पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लेगी। आत्मसमर्पण करने की सूचना पर सीबीआइ अधिकारी कोर्ट में पहुंचे, लेकिन उन्होंने रिमांड पर सौंपे जाने को लेकर कोई अर्जी दाखिल नहीं की। शुक्रवार को यह अर्जी दाखिल करने के बात बताई जा रही है।
जेल में बंद आरोपितों की संख्या 20 हुई
दिलीप वर्मा के बाद न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आरोपितों की संख्या अब बढ़कर 20 हो गई है। इसमें दस आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जेल में बंद आरोपितों में ब्रजेश ठाकुर, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन, सीडब्ल्यूसी के सदस्य विकास कुमार, पीएलवी संतोष कुमार, कृष्णा कुमार, गौरव कुमार मोटू,गुड्डू कुमार, विजय तिवारी, रामानुज ठाकुर, अश्विनी कुमार, साइस्ता उर्फ मधु, किरण कुमारी, हेमा मसीह, मंजू देवी, इंदू देवी, चंदा देवी व मीनू देवी शामिल हैं।
एक आरोपित को लेकर सस्पेंस कायम
दिलीप वर्मा के आत्मसमर्पण करने के बाद अब इस मामले के एक आरोपित को लेकर सस्पेंस कायम है। इस संबंध में सीबीआइ की ओर से कुछ नहीं बताया गया गया है। 
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