बीआरए बिहार विश्वविद्यालय : स्नातक में 1.10 लाख विद्यार्थियों का नामांकन, पांचवीं मेधा सूची पर निर्णय कल

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक सत्र 2022-25 में नामांकन के लिए पांचवीं मेधा सूची या आनस्पाट की प्रक्रिया पर सोमवार को कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय निर्णय लेंगे। यूएमआइएस की ओर से पांचवीं मेधा सूची की भी तैयारी है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Sun, 04 Dec 2022 02:07 AM (IST) Updated:Sun, 04 Dec 2022 02:11 AM (IST)
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय : स्नातक में 1.10 लाख विद्यार्थियों का नामांकन, पांचवीं मेधा सूची पर निर्णय कल
स्नातक में 1.10 लाख विद्यार्थियों का नामांकन हुआ है, पांचवीं मेधा सूची पर निर्णय कल होगा।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक सत्र 2022-25 में नामांकन के लिए पांचवीं मेधा सूची या आनस्पाट की प्रक्रिया पर सोमवार को कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय निर्णय लेंगे। यूएमआइएस की ओर से पांचवीं मेधा सूची की भी तैयारी है।

अधिकारियों का कहना है कि अब आनस्पाट नामांकन होना चाहिए। इससे विभिन्न कालेजों में रिक्त रह गईं सीटों को भरने में सुविधा होगी। वहीं नए कालेजों में भी विद्यार्थियों का नामांकन हो सकेगा। यूएमआइएस को-आर्डिनेटर प्रो. टीके डे ने बताया कि चार बार मेधा सूची जारी करने पर अबतक करीब 1.10 लाख विद्यार्थियों ने नामांकन ले लिया है। पांचवीं मेधा सूची भी तैयार हो रही है। यदि कुलपति आदेश देते हैं तो आनस्पाट नामांकन पर भी विचार हो सकता है।

दो तिहाई समय नामांकन में ही निकला

बता दें कि स्नातक में आठ महीने से नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। एक वर्ष में नामांकन से लेकर परीक्षा और परिणाम देना होता है। ऐसे में दो तिहाई समय नामांकन में ही निकल चुका है। ऐसे में विश्वविद्यालय की ओर से सत्र नियमित करने को लेकर किया जा रहा दावा खोखला साबित हो रहा है।

विश्वविद्यालय में स्नातक में 108 कालेजों में 1.55 लाख सीटें निर्धारित हैं। इसके विरुद्ध सत्र 2021-24 में करीब 1.14 लाख विद्यार्थियों ने नामांकन लिया था। इसबार नामांकन का ग्राफ पिछले वर्ष से कम है। कहा जा रहा है कि यदि आनस्पाट नामांकन का विकल्प मिलेगा तो नामांकन का आंकड़ा सवा लाख के पार पहुंच सकता है।

पीजी में विद्यार्थी कर रहे नामांकन के लिए इंतजार

विश्वविद्यालय की ओर से पीजी सत्र 2021-23 में नामांकन के लिए दो हजार से अधिक विद्यार्थी प्रतीक्षा कर रहे हैं। इतिहास, हिंदी, गणित, भूगोल, अंग्रेजी, मनोविज्ञान, बाटनी, जूलाजी समेत अन्य विषयों में विद्यार्थी अधिक कटआफ के कारण नामांकन नहीं ले पा रहे हैं।

विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि विभिन्न कोटि में विभक्त होने के कारण कटआफ अधिक था। यदि सीटें रिक्त रहती हैं तो उन्हें सामान्य कोटि के अनुसार आगे नामांकन के लिए विद्यार्थियों को मौका दिया जाएगा। इसमें मौका मिलने के बाद भी विद्यार्थियों ने संस्थान के विकल्प को एडिट नहीं किया है।

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