बिजली के लिए मची त्राहिमाम, एस्सेल ने बाहर भेज दिया सामान
मुजफ्फरपुर। शहर में बिजली की स्थिति खस्ताहाल होती जा रही है। विद्युत कटौती, फाल्ट आदि से उपभोक्ताओं
मुजफ्फरपुर। शहर में बिजली की स्थिति खस्ताहाल होती जा रही है। विद्युत कटौती, फाल्ट आदि से उपभोक्ताओं में त्राहिमाम की स्थिति है। वहीं यहां की जिम्मेदारी संभाले एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी ने एरिया स्टोर से सभी जरूरी सामान अन्य दूसरे फ्रेंचाइजी क्षेत्र नागपुर भेज दिया है। इससे शहरी और इसके अंतर्गत आने वाले आठ प्रखंडों में समस्या विकराल होती जा रही है। जिससे उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं।
एस्सेल ठेकेदार चौधरी एंड चौधरी के प्रोपराइटर निर्भय चौधरी को पिछले महीने जब गोदाम से सामान दूसरी जगह भेजे जाने की जानकारी मिली, तो उन्होंने वहां ताला लगा दिया। तब तक तार, ट्रांसफॉर्मर, क्वॉयल, केबल, कंडक्टर आदि भेजा जा चुका था। एरिया स्टोर खबड़ा पर नजर डालें तो यहां मीटर का स्टॉक शून्य है। थ्री फेस का एक भी मीटर नहीं है। वर्तमान में पाच हजार उपभोक्ताओं को नए मीटर का इंतजार है। इसके लिए वे कंपनी के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। इसके अलावा ट्रासफॉर्मर और 33 व 11 केवी फीडरों का केबल भी नहीं है। शहर में अगर कहीं केबल खराब हो जाए तो उपभोक्ताओं को अंधेरे का सामना करना पड़ सकता है।
मेंटेनेंस का नहीं खरीदा सामान
बिजली कंपनी मेंटेनेंस व अन्य सामान सेंट्रल परचेज के माध्यम से खरीदती है। इससे पहले सर्किल से सामान की डिमाड पूछी जाती है। मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के माध्यम से इसे भेजा जाता है। 10 हजार नए मीटर की जरूरत थी, लेकिन यह डिमाड आगे नहीं बढ़ाई गई। इससे नए मीटर नहीं आ सके हैं।
उपभोक्ता हो रहे परेशान
ज्यादा बिजली बिल आने की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। उपभोक्ताओं ने मीटर टेस्टिंग के लिए हर रोज दर्जनों आवेदन दिए गए। मीटर आने पर ही पुराना मीटर लैब में पहुंचाया जाता है। जिनके मीटर बंद हो गए या जिन्हें इसे बदलवाना हैं उनकी परेशानी बढ़ गई है। मीटर नहीं बदलने से आकलित खपत का उन्हें सामना करना पड़ रहा है। मीटर खराब होने के बाद भी किराया वसूला जा रहा है। वर्तमान स्थिति में शहर को थ्री फेस के पांच हजार मीटरों की जरूरत है।
नए कनेक्शन के लिए मीटरों की जरूरत
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में हर महीने नए कनेक्शन हो रहे हैं। इनके लिए मीटर नहीं हैं। इससे उपभोक्ता परेशान हैं।
मीटर तेज चलने की शिकायतों में इजाफा
बिजली कंपनी ने इलेक्ट्रॉनिक की जगह डिजिटल मीटर लगाए हैं। इन्हें घर के बाहर लगाया गया है, लेकिन इनकें तेज चलने की शिकायतें बढ़ रही हैं। मीटर के लिए 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान निर्धारित किया गया है। घर के बाहर ये गर्मियों में अधिक तापमान सहन कर रहे हैं। इससे भी इनमें दिक्कते आ रही हैं।
नए पावर ट्रासफॉर्मर नहीं, रिपेयर के भरोसे कंपनी
स्टोर में नए पावर ट्रासफॉर्मर नहीं है। लोड बढ़ने पर ट्रासफॉर्मर ट्रिप कर रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को कटौती का सामना करना पड़ रहा है। इनके खराब होने पर रिपेयर कराकर ही काम चलाया जा रहा है।
बिना सामान के कर दिया मेंटेनेंस
बिजली कंपनी ने मेंटेनेंस का भी सामान नहीं खरीदा है। मानसून पोस्ट मेंटेनेंस के दौरान सामान स्टोर में मौजूद नहीं था। पूरे जाड़ेभर बिजली कटौती कर पेड़ों की टहनिया काट कर खानापूरी की गई। इसका खामिजाया उपभोक्ता को भुगतना पड़ रहा है। लाइन पर लोड बढ़ने या फिर हवा चलने पर बिजली गुल हो जा रही है।
डीएफ एरिया में 40 ट्रांसफॉर्मर जले
शहरी क्षेत्र में एक और इनके आठ प्रखंड मड़वन, कांटी, कुढ़नी, मीनापुर, बोचहां, गायघाट, कटरा व मुशहरी क्षेत्र में 40 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जले पड़े हैं। इस दिशा में पहल शून्य है। गोदाम खाली पड़े हैं। बिजली संकट पर हंगामा व सड़क जाम की स्थिति उत्पन्न होने पर नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी या फिर किसी अन्य कंपनी से उधार के तार-पोल और ट्रांसफार्मर लेकर काम चलाया जा रहा है।
पेमेंट को लेकर हुआ था झगड़ा
तार-पोल और ट्रांसफॉर्मर सप्लाई करने वाले ठेकेदारों से कामर्शियल जीएम दीपक बिष्ट से पेमेंट को लेकर पिछले दिनों झगड़ा हो गया था। उन लोगों पर मारपीट की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसको लेकर नाराज ठेकेदार हड़ताल पर हैं। मनमुटाव से समस्या विकट होती जा रही है। ठेकेदारों ने भी बिजनेस व कामर्शियल हेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
तार टूटने पर बंद कराया था पीएसएस
ओवरलोड होकर बैरिया न्यू गांधी नगर मोहल्ले में दस मिनट के अंदर कई बार तार टूटे थे। गुस्साए लोगों ने एमआइटी पावर सब स्टेशन को बंद कराकर सड़क जाम किया था। इतना कुछ होने पर मात्र आधा किमी तार लगाए गए। कुढ़नी के बलुआ, सुमेरा, गायघाट के जारंग, मड़वन के विशनपुर, गायघाट जारंग में चंद्रहास, शहर में इमलीचट्टी, में ट्रासफॉर्मर जले काफी दिन हो गए।
मुआवजा देने की मांग
एस्सेल भगाओ मुजफ्फरपुर बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष अजय कुमार पांडेय ने एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी के जीएम से बिजली से घायल सभी बच्चों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लटक रहे तार टूटने से यह हादसा हुआ है।
विद्युत वितरण कंपनी एस्सेल, पीआरओ राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि गोदाम से कोई सामान बाहर नहीं भेजा गया है। इसमें तार, पोल व अन्य उपकरण उपलब्ध हैं। फिलहाल, चार नए ट्रांसफॉर्मर जारंग, मीनापुर, गंज बाजार व छोटा सुमेरा भेजे गए हैं।