शिवहर में बारिश के चलते बागमती में उफान, नरकटिया समेत कई गांवों में घुसा पानी

नदी का पानी बेलवा पंचायत के बेलवा नरकटिया व इंदरवा आदि गांवों में घुस गया है। डेढ़ सौ से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं लोगों का अन्न वस्त्र और अन्य सामान बाढ़ की पानी में बह गए हैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 11:30 AM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 11:30 AM (IST)
शिवहर में बारिश के चलते बागमती में उफान, नरकटिया समेत कई गांवों में घुसा पानी
एक माह के भीतर दूसरी बार घुसा नरकटिया गांव में बाढ़ का पानी। फोटो- जागरण

शिवहर, जासं। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र इलाके में जारी बारिश के बाद बागमती नदी में जबरदस्त उफान आ गया है। एक ओर जहां बागमती नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है, वहीं दूसरी ओर नदी का पानी बेलवा पंचायत के बेलवा, नरकटिया व इंदरवा आदि गांवों में घुस गया है। डेढ़ सौ से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं लोगों का अन्न, वस्त्र और अन्य सामान बाढ़ की पानी में बह गए है। बाढ़ का पानी अब लगातार नए इलाकों में फैल रहा है। शिवहर-पिपराही- झाका एसएच 54 पर चार फीट पानी का बहाव जारी रहने से पैदल भी आवागमन बाधित हो गया है। एक माह के भीतर यह दूसरा मौका है जब इलाके के लोगों को सैलाब का सितम झेलना पड़ रहा है। कुछ लोग गांव छोड़कर पलायन करने में लगे है। इधर, बाढ़ के मद्देनजर अपर समाहर्ता शंभू शरण, अनुमंडल पदाधिकारी मो. इश्तियाक अली अंसारी, पिपराही सीओ कुमारी पुष्पलता व जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विमल कुमार आदि ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। जबकि कार्यपालक अभियंता विमल कुमार के नेतृत्व में जल संसाधन विभाग की टीम कैंप कर रही है। उधर, बागमती नदी का जलस्तर डुब्बाघाट, अदौरी घाट, पिपराही घाट और मोहारी घाट में लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते तटबंध के आसपास बसे गांवों के लोग दहशतजदा है। 

उधर, बागमती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। तत्काल नदी लाल निशान से एक मीटर उपर बह रही है। डुब्बाघाट स्थित रेनगेज पर बागमती नदी का जलस्तर 62.22 मीटर दर्ज किया गया है। वहीं लगातार बढ़ते जलस्तर से तटबंधों पर दबाव बढ़ रहा है। बताते चलें कि,पहली जुलाई को बेलवा में सुरक्षात्मक तटबंध ध्वस्त होने के चलते जिले में बाढ़ ने कहर बरपाया था। लगभग 19 हजार की आबादी प्रभावित हुई थी। बाढ़ का पानी शिवहर शहर तक घुस गया था। हालांकि, 40 घंटे के भीतर तटबंध को दुरूस्त कर लिया गया था। हालांकि, 15 दिन बाद फिर पानी का दबाव बढ़ने से तटबंध में रिसाव आ गया था। दो दिनों की मेहनत के बाद रिसाव पर काबू पाया गया था। इधर, एकबार फिर बाढ़ ने इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।

उधर, बारिश की वजह से मनुषमारा नदी में भी उफान आ गया है। मनुषमारा का पानी कई निचले इलाकों में बह रहा है। बुनियादगंज डायवर्सन पर मनुषमारा के पानी के बहाव के चलते शिवहर-सीतामढ़ी एनएच 104 पर आवागमन 50 दिन बाद भी ठप है।

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