CoronaVirus: कोटा में फंसे बिहारी Students, लौटने में हो रही जगह-जगह परेशानी
CoronaVirus कोटा में मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले बिहार के छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या है। कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन के हालात में वे परेशान हैं।
पटना, जेएनएन। CoronaVirus: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पूरे देश में लॉक डाउन (Lock Down) का आदेश दिया है। इसका असर बिहार के उन छात्र-छात्राओं (Students) पर भी पड़ा है, जो दिल्ली-कोटा आदि नगरों में रहकर प्रतियोगिता परीक्षाओं (Competitive Examinations) की तैयारी कर रहे हैं। उनके हॉस्टल (Hostel) या तो बंद किए जा रहे हैं या सूने पड़ रहे हैं। ऐसे में उन्हें घर वापसी में परेशानी हो रही है।
घंटों लंबी यात्रा के दौरान एक कप चाय तक नहीं नहीं मिली
लॉक डाउन के कारण कोटा में हॉस्टल में रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा (Medical Entrance Test) की तैयारी कर रही एक छात्रा स्वर्णिमा श्रीवास्तव बुधवार को पिता कौशल किशोर के साथ निजी कार से बिहार के माेतिहारी स्थित अपने घर के लिए चलीं। विशेष परिस्थिति में इस यात्रा के लिए कोटा के डीएम (DM Kota) ने मंगलवार को अनुमति पत्र निर्गत किया।
वापसी के दौरान रास्ते से jagran.com से बातचीत के दौरान कौशल किशोर ने बताया कि कोटा से निकलने के समय कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन आगे की लंबी यात्रा के दौरान सुनसान सड़कों पर एक कप चाय भी नहीं मिली। भारतीय जीवन बीमा निगम (मोतिहारी) में प्रशासनिक अधिकारी कौशल किशोर का सवाल था कि लॉक डाउन के ऐसे हालात में बच्चे कहां जाएं?
कुछ पहले ही जा चुके घर, कुछ हॉस्टल में ही फंसे
कोटा में ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही सिमरन के पिता डॉ. संतोष शर्मा कहते हैं, शुक्र है कि लॉक डाउन के पहले ही बेटी को घर ला चुके थे। अन्यथा कितनी परेशानी होती, पता नहीं। कोटा में ही इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र प्रतीक राज के हॉस्टल के अधिकांश या बच्चे होली में घर गए। इसके बाद कोरोना का मामला समाने आ गया। इस कारण अधिकांश वापस नहीं लौटे। अब उनका हॉस्टल सूना पड़ गया है। प्रतीक के अनुसार अब लॉक डाउन में जाएं तो कैसे?