Rajdev Ranjan massacre: विशेष कोर्ट नहीं पहुंची CBI, बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य बंद करने की अर्जी Muzaffarpur News

पत्रकार हत्‍याकांड में लगातार तीसरी तारीख को विशेष कोर्ट में सीबीआई नहीं पहुंची। इसे लेकर विशेष कोर्ट ने सीबीआइ के निदेशक को भेजा पत्र साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया।

By Murari KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 08:53 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 08:53 AM (IST)
Rajdev Ranjan massacre: विशेष कोर्ट नहीं पहुंची CBI, बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य बंद करने की अर्जी Muzaffarpur News
Rajdev Ranjan massacre: विशेष कोर्ट नहीं पहुंची CBI, बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य बंद करने की अर्जी Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में लगातार तीसरी तारीख को विशेष कोर्ट में सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक नहीं पहुंचे। इससे इस मामले में सीबीआइ की ओर से अभियोजन साक्ष्य पेश नहीं किया गया। बचाव पक्ष की ओर से विशेष कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई है। इसमें साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया को बंद करने की विशेष कोर्ट से प्रार्थना की गई है।

अगली सुनवाई 26 नवंबर को

 विशेष कोर्ट ने सीबीआइ के निदेशक को पत्र भेजा है, जिसमें गवाह व साक्षियों को पेश करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को मुकर्रर की गई है। बुधवार की सुनवाई में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुदद्दीन व भागलपुर जेल में बंद लड्डन मियां की वीडियो कांफ्रेंसिंग से व मुजफ्फरपुर जेल में बंद छह आरोपितों को कोर्ट में लाकर पेशी कराई गई। 

पटना की सीबीआइ टीम को जिम्मेदारी मिलते ही आई यह स्थिति

पिछले दिनों सीबीआइ मुख्यालय ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में अभियोजन साक्ष्य पेश करने की जिम्मेदारी पटना की सीबीआइ टीम को सौंपी थी। इससे पहले दिल्ली की टीम यह साक्ष्य पेश कर रही थी। दिल्ली की टीम नियमित तौर पर विशेष कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो रही थी। अब तक दस से अधिक गवाह व अन्य साक्ष्य पेश किया था। दूसरी ओर पटना की टीम को जिम्मेदारी मिलते ही अभियोजन साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया रुक गई है। इससे सिवान जेल के तत्कालीन लिपिक आमोद कुमार बिना गवाही दिए लौटना पड़ा।

यह है मामला

13 मई 2016 की शाम सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मार हत्या कर दी गई थी। पुलिस के बाद इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित सात आरोपितों के विरुद्ध सीबीआइ ने कोर्ट में पिछले साल 21 अगस्त को चार्जशीट दाखिल किया था। विशेष सीबीआइ कोर्ट इसे संज्ञान में लेकर सेशन ट्रायल चलाने के लिए जिला जज कोर्ट भेजा था। फिलहाल, इस मामले का सत्र-विचारण (एमपी/एमएलए के मामले) के लिए गठित एडीजे-छह के विशेष कोर्ट में चल रहा है।

बोले बचाव पक्ष के अधिवक्‍ता

  इस बारे में बचाव पक्ष के अधिवक्‍ता शरद सिन्‍हा ने कहा कि 'तीन तारीखों से सीबीआइ कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रही है। इससे कोर्ट का समय बर्बाद हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि सीबीआइ को अब साक्ष्य पेश करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसलिए बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य बंद करने की अर्जी कोर्ट में दाखिल की गई है, ताकि जल्द से जल्द मुकदमा की सुनवाई पूरी हो सके।Ó  

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