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Navaruna massacre: नवरुणा हत्या मामले में आज पूरी हो रही सीबीआइ को मिली आठवीं डेडलाइन Muzaffarpur News

सीबीआइ ने कर रखी है मामले में सुराग देने वालों को दस लाख रुपये इनाम देने की घोषणा। अब तक जांच पूरी होने की नहीं मिली सूचना।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 12:45 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 12:45 PM (IST)
Navaruna massacre: नवरुणा हत्या मामले में आज पूरी हो रही सीबीआइ को मिली आठवीं डेडलाइन Muzaffarpur News
Navaruna massacre: नवरुणा हत्या मामले में आज पूरी हो रही सीबीआइ को मिली आठवीं डेडलाइन Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नवरुणा मामले (Navaruna massacre) की जांच पूरी करने को लेकर सीबीआइ (CBI) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से मिली आठवीं डेडलाइन गुरुवार को पूरी हो रही है। 21 अगस्त को सीबीआइ को तीन महीने का समय मिला था। इस डेडलाइन में जांच को लेकर कोई न कोई नतीजा निकलने की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि सीबीआइ की ओर से इस संबंध में अब तक विशेष कोर्ट में प्रगति प्रतिवेदन (Progress report) दाखिल (Submit) नहीं किया गया है।

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 इस बीच सीबीआइ ने सार्वजनिक स्थानों पर इश्तेहार चस्पा (Commercial post) कर इस मामले में सुराग देने वालों को दस लाख रुपये ईनाम देने की घोषणा कर रखी है। इस घोषणा का क्या परिणाम आया। सुराग देने कोई सीबीआइ के समक्ष आया या नहीं यह पता नहीं चला है। डेडलाइन पूरे होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में सीबीआइ की ओर से क्या पक्ष रखा जाएगा, इसकी भी जानकारी नहीं मिली है।   

नवरुणा के पिता को नोटिस व नगर थाना में खंगाली गई फाइलें

सीबीआइ की ओर से नवरुणा के पिता अतुत्य चक्रवर्ती को एक नोटिस दिया गया था। इसमें उन्हें पूछताछ के लिए सीबीआइ के कैंप कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने वहां जाने से असमर्थता जताई थी। उन्होंने बीमार व अधिक उम्र होने का हवाला देते हुए घर पर आकर पूछताछ करने का सीबीआइ अधिकारियों से आग्रह किया था। पिछले सप्ताह सीबीआइ अधिकारी नगर थाना पर पहुंचे। वहां नवरुणा मामले से संबंधित फाइलों को खंगाला। इसके अलावा कई लोगों से पूछताछ भी की गई। 

यह है मामला

18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। ढाई माह बाद उसके घर के निकट नाला से मानव कंकाल मिला। डीएनए टेस्ट में यह नवरुणा का साबित हुआ। पुलिस व सीआडी जांच में कुछ नतीजा नहीं निकला। तब इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी गई। फरवरी 2014 से सीबीआइ इसकी जांच कर रही है। 


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