बालिका गृह यौन हिंसा : ब्रजेश के प्रेस के मैनेजर रामाशंकर ने किया कोर्ट में आत्मसमर्पण

ब्रजेश के पारिवारिक सदस्य की तरह था रामाशंकर। बालिका गृह की एक लड़की की हत्या का आरोप। सीबीआइ के चार्जशीटेड 21 आरोपितों में से 20 न्यायिक हिरासत में पहुंच चुका जेल।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 08:48 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 08:48 PM (IST)
बालिका गृह यौन हिंसा : ब्रजेश के प्रेस के मैनेजर रामाशंकर ने किया कोर्ट में आत्मसमर्पण
बालिका गृह यौन हिंसा : ब्रजेश के प्रेस के मैनेजर रामाशंकर ने किया कोर्ट में आत्मसमर्पण

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह यौन हिंसा मामले में सीबीआइ के चार्जशीटेड रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब उर्फ मास्टर जी ने मंगलवार को विशेष पॉक्सो कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उसे 17 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। उसी दिन न्यायिक हिरासत में जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर सहित अन्य आरोपितों की भी पेशी होगी।

 रामाशंकर सिंह ब्रजेश ठाकुर के अखबार व अन्य कारोबार का प्रबंधक था। संस्था के सभी खर्च उसी के माध्यम से होते थे। मामले के 21 आरोपितों में से उन तीन में वह शामिल था, जिसे फरार दिखाते हुए सीबीआइ ने 19 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल किया था।

लड़कियों ने लगाए आरोप

रामाशंकर के खिलाफ बालिका गृह की छह लड़कियों ने कई गंभीर आरोप लगाया है। इसमें कहा गया है कि वह बहुत बुरा आदमी था। वह लड़कियों को गलत नजरों से देखता था। वे बेहद रूखे स्वभाव का था। लड़कियों को छड़ी से पिटाई करता था। वह ब्रजेश ठाकुर, बालिका गृह की कर्मचारी मीनू, किरण व चंदा के साथ मिलकर लड़कियों को शारीरिक प्रताडऩा देता था। वह ब्रजेश के गलत काम में सहयोग करता था।

हत्या में शामिल होने का आरोप

स बीआइ के चार्जशीट में रामाशंकर सिंह के खिलाफ बालिका गृह की एक लड़की की हत्या का भी आरोप लगा है। एक लड़की ने अपने बयान में इसका जिक्र किया है।

ब्रजेश के पारिवारिक सदस्य की तरह था

किसी समय कन्वेंट में शिक्षक रहने के कारण मास्टर साहब के नाम से संस्था में मशहूर रामाशंकर सिंह लंबे समय से ब्रजेश ठाकुर से जुड़ा था। वह बालिका गृह परिसर में ही रहता था। उसकी हैसियत उसके पारिवारिक सदस्य की तरह थी। ब्रजेश उससे हर काम की सलाह लेता था।

 रामाशंकर का बेटा झूलन भी संस्था से जुड़ा था। वह पटना कार्यालय में रहता था तथा वहां का काम संभालता था। पुलिस जांच में उसे अपराधी प्रवृति का बताया गया है। अधिकारियों के पास लड़कियों की सप्लाई करने में उसकी भूमिका रहती थी। वह गोली चलाने में भी माहिर था।

17 जनवरी को सभी आरोपितों को दिए जाएंगे पुलिस पेपर

न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आरोपितों को सीबीआइ कोर्ट के माध्यम से पुलिस पेपर देगी। इसके बाद आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए जाने की कानूनी प्रक्रिया चलेगी। फिर सेशन-ट्रायल की कार्रवाई शुरू होगी।

एक आरोपित पकड़ से बाहर

बालिका गृह मामले में चार्जशीटेड 21 आरोपितों में डॉ. प्रमीला फिलहाल पकड़ से बाहर है। जबकि 20 आरोपित न्यायिक हिरासत में जेल में है। इसमें ब्रजेश ठाकुर, इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, रवि कुमार रोशन, विकास कुमार, दिलीप कुमार वर्मा, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल उर्फ गुड्डू, कृष्ण कुमार राम उर्फ कृष्णा उर्फ किशन, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की व साइस्ता परवीन उर्फ मधु शामिल है।

रामाशंकर ने बताया निर्दोष

 अपने अधिवक्ता शरद सिन्हा के साथ कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पहुंचे रामाशंकर सिंह ने अपने को निर्दोष बताया। उसने अपने को ब्रजेश ठाकुर के प्रेस से संबद्ध तो बताया, लेकिन उससे किसी अन्य तरह से जुड़े होने की बात से इन्कार किया। उसने बालिका गृह मामले से अनभिज्ञता जताई ।

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