Bihar Jamin Jamabandi: बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों से नीतीश सरकार को हो रहा घाटा, अब उठाया गया ये बड़ा कदम

प्रमंडलीय आयुक्त गोपाल मीणा ने 20 मार्च को समीक्षा बैठक में निबंधन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सुगम तरीके से जमाबंदी की प्रक्रिया लागू किए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद जमाबंदी से संबंधित प्रक्रिया को सुगम तरीके से सभी अंचलों में कराने के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने जिला राजस्व पदाधिकारी सौरभ राज को नोडल पदाधिकारी नामित किया है।

By babul deep Edited By: Rajat Mourya Publish:Mon, 25 Mar 2024 02:28 PM (IST) Updated:Mon, 25 Mar 2024 02:28 PM (IST)
Bihar Jamin Jamabandi: बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों से नीतीश सरकार को हो रहा घाटा, अब उठाया गया ये बड़ा कदम
बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों से नीतीश सरकार को हो रहा घाटा, अब उठाया गया ये बड़ा कदम

HighLights

  • जमीन निबंधन के नए प्रविधान लागू होने से राजस्व वसूली में आई कमी
  • प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देशानुसार जमाबंदी को सुगम बनाने के लिए नोडल पदाधिकारी नामित
  • विक्रेता अथवा दानकर्ता के नाम पर जमाबंदी होने के बाद ही जमीन निबंधन का प्रविधान लागू

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। विक्रेता व दानकर्ता के नाम पर जमीन की जमाबंदी होने पर ही निबंधन का प्रविधान लागू होने से जिलों में निबंधन की प्रक्रिया धीमी हो गई है। इस कारण राजस्व वसूली बहुत कम हो गई है।

प्रमंडलीय आयुक्त गोपाल मीणा ने 20 मार्च को समीक्षा बैठक में निबंधन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सुगम तरीके से जमाबंदी की प्रक्रिया लागू किए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद जमाबंदी से संबंधित प्रक्रिया को सुगम तरीके से सभी अंचलों में कराने के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने जिला राजस्व पदाधिकारी सौरभ राज को नोडल पदाधिकारी नामित किया है।

उन्हें सभी अंचलों की मॉनिटरिंग करते हुए सुगम तरीके से जमाबंदी कराने का निर्देश दिया है। डीएम ने जिला राजस्व अधिकारी को सभी प्रखंडों में हो रहे कार्य को देखते हुए इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है।

बता दें कि पिछले दिनों प्रमंडलीय आयुक्त ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा था कि अगर विक्रेता अथवा दानकर्ता के नाम पर जमाबंदी नहीं हो तो जमीन का निबंधन नहीं होगा। इसकी सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश सभी जिलों को दिया था।

सख्ती से रोक लगाने का दिया था आदेश

विभागीय प्रविधान लागू होने के बाद भी शत प्रतिशत इसका अनुपालन नहीं करने की सूचना लगातार विभाग तक पहुंच रही थी। इसपर उन्होंने सख्ती से रोक लगाते हुए विभागीय निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी सभी डीएम को दी थी। इसके बाद यह पाया कि जिन जिलों में उक्त प्रक्रिया के तहत निबंधन का कार्य किया जा रहा है।

वहां पर पहले की तुलना में बहुत कम राजस्व की वसूली हो रही है। इसलिए जमाबंदी प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए नोडल पदाधिकारी को नामित करने का आदेश दिया था। ताकि वे प्रखंड और अंचलों की मॉनिटरिंग कर राजस्व में बढ़ोतरी करा सके।

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