ठंड में शिशुओं की बेहतर देखभाल जरूरी, नहीं तो मौसमी बीमारियों से बढ़ सकती है परेशानी
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुमार अमृतांशु ने बताया कि बच्चों को हमेशा साफ-सुथरा रखें। बाहरी भोजन न कराएं। जब बच्चा छह माह से उपर का हो तो उसे घर के बनाए हुए हल्के आहार दें। दूध दाल दलिया चावल हरी सब्जी खिलाएं।
पूर्वी चंपारण, जासं। ठंड का मौसम नवजात शिशु के लिए बेहद संवेदनशील माना जाता है। इस मौसम में नवजातों में सर्दी-जुकाम, निमोनिया, डायरिया एवं गंभीर श्वसन की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए नवजात शिशु को बेहतर देखभाल की आवश्यकता होती है। सावधानी बरत कर इस मौसम में होने वाली बीमारियों से उन्हें बचाया जा सकता है। इस संबंध में सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुमार अमृतांशु ने बताया कि बच्चों को हमेशा साफ-सुथरा रखें। बाहरी भोजन न कराएं। जब बच्चा छह माह से उपर का हो तो उसे घर के बनाए हुए हल्के आहार दें। दूध, दाल, दलिया, चावल, हरी सब्जी खिलाएं।
आवश्यक टीके समय पर दिलवाएं
डॉ अमृतांशु ने बताया कि नवजात शिशुओं की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम रहती है। ऐसे समय शिशुओं के ठंड से संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है। इसके लिए आवश्यक है कि इस मौसम में नवजातों का विशेष ख्याल रखा जाए। इसके लिए संपूर्ण स्तनपान, साफ-सफाई और शिशु को ठंड से बचाकर रखना जरूरी है।
स्तनपान से रोग प्रतिरोधक क्षमता का होता है विकास
यदि बच्चे को जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला पीला गाढ़ा दूध पिलाया जाए तो ऐसे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। यह शिशुओं को होने वाले निमोनिया एवं डायरिया जैसे रोगों से भी बचाव और शिशु के बेहतर पोषण की बुनियाद तैयार करता है। शिशु के स्वस्थ और पोषित होने से अन्य संक्रामक रोगों से भी बचाव संभव है। उनका सम्पूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है और शिशु मृत्यु दर में कमी आती है।
साफ-सफाई का रखें ध्यान
अभी के समय में नवजात शिशुओं को कोरोना संक्रमण से बचाव पर भी ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए शिशु की साफ-सफाई का विशेष रूप से खयाल रखें, क्योंकि साफ-सफाई किसी भी प्रकार के संक्रमण को रोकता है। नवजात के मल-मूत्र पर भी ध्यान रखें। ज्यादा बार मल करे तो उसे जिंक, ओआरएस के घोल व जिंक की गोली जरूर दें । अगर कोई व्यक्ति सर्दी-जुकाम से पीड़ित है या बाहर से आ रहा हो तो शिशुओं को उनसे दूर रखें। माताएं शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए छूने से पहले हैंड वाश जरूर करें। हैंड वॉश करके हाथों को सूखा कर और गर्म करके शिशु को छूएं। गीले हाथ से उन्हें छूने से ठंड लग सकती है। शिशुओं को ऊनी कपड़े पहनाकर गर्माहट दें।