पश्चिम चंपारण में गन्ने के खेत में मिला भालू का बच्चा, एक दिन पूर्व मिला था चीतल WestChamparan News

पश्चिम चंपारण के तरुअनवा गांव के सरेह स्थित गन्ने के खेत में मिला भालू का बच्‍चा। वन कर्मियों ने लिया कब्जे में। हरनाटांड में हो रही देखभाल। एक दिन पूर्व मिला था चीतल।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 11 Feb 2020 08:32 PM (IST) Updated:Tue, 11 Feb 2020 08:32 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में गन्ने के खेत में मिला भालू का बच्चा, एक दिन पूर्व मिला था चीतल WestChamparan News
पश्चिम चंपारण में गन्ने के खेत में मिला भालू का बच्चा, एक दिन पूर्व मिला था चीतल WestChamparan News

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। हरनाटांड़ के स्थानीय वन क्षेत्र के जंगल से भटकी एक मादा भालू ने तरुअनवा गांव के सरेह स्थित गन्ने के खेत में बच्चे को जन्म दिया। मंगलवार को वनकर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से उसे बरामद कर लिया। रेंजर रमेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह में तरुअनवा गांव के लोगों ने सूचना दी कि भालू का बच्चा गन्ने के खेत में पड़ा है। वहां वनकर्मियों की टीम भेजी गई। टीम ने भालू के बच्चे को कब्जे में लेकर जिला वन मुख्यालय बेतिया को सूचना दी। 

  बताया गया कि ग्रामीण कुनई समेत अन्य किसान तरुअनवा गांव के बीच झोहरिया नदी से सटे गन्ने के खेत में जा रहे थे। इसी दौरान किसी जानवर की आवाज सुनी। आगे बढऩे पर देखा कि गन्ने के खेत में भालू का बच्चा अकेले पड़ा था। सूचना पर हरनाटांड़ से वनकर्मियों की टीम पहुंची और भालू के बच्चे को वन कार्यालय ले आई। भालू के बच्चे की उम्र करीब आठ-दस दिन बताई गई। उसकी देखभाल वनकर्मियों की टीम कर रही है। उसे बोतल से दूध भी पिलाया जा रहा है। 

 इससे पूर्व सोमवार को गोनौली वन क्षेत्र के शिवनाथ जंगल से एक चीतल भटककर रिहायशी इलाके में पहुंचा था। उसे भी वनकर्मियों ने सुरक्षित वन कार्यालय पहुंचाया। वन प्रमंडल दो के डीएफओ गौरव ओझा ने बताया कि भालू के बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए पटना स्थित चिडिय़ाघर भेजा जाएगा। यह आदेश राज्य के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से मिला है।  

 वहीं, गोनौली वन क्षेत्र के शिवनाहां गांव से मिले चीतल को भी पटना चिडिय़ाघर भेजा जाएगा। कहा कि जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में पहुंचे वन्यजीवों पर निगरानी रखी जा रही है। हरनाटांड़ के रेंजर को भी निर्देशित किया गया है कि वनकर्मियों की टीम मादा भालू की खोजबीन जारी रखें। किसी भी ग्रामीण को उस ओर जंगल में जाने से रोका जाए। ताकि, कोई अनहोनी न हो। 

 गौरतलब है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व ( वीटीआर) के वन प्रमंडल दो के जंगल से भटक कर वन्यजीव रिहायशी इलाके में पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में भालू का बच्चा और चीतल भी मिला। 

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