नहीं खुले सरकारी व निजी बैंकों के ताले

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : लंबित वेतन समझौते को लागू करने की मांग पर बुधवार को जिले के सभी सरकारी

By Edited By: Publish:Thu, 13 Nov 2014 02:20 AM (IST) Updated:Thu, 13 Nov 2014 02:20 AM (IST)
नहीं खुले सरकारी व निजी बैंकों के ताले

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : लंबित वेतन समझौते को लागू करने की मांग पर बुधवार को जिले के सभी सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों में हड़ताल रही। इसमें ग्रामीण बैंक भी शामिल थे। 300 शाखाओं में तालाबंदी रही। एक दिवसीय हड़ताल को प्रभावी बनाने के लिए एटीएम तक को बंद करा दिया गया।

हड़ताल की वजह ये रही

दो साल से वेतन समझौते का निपटारा नहीं किया गया। जबकि बैंकिंग उद्योग में इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन(आइबीए) और कर्मचारी यूनियनों एवं ऑफिसर्स एसोसिएशन के बीच द्विपक्षीय समझौते के तहत वेतन और सेवा शर्तो का अनुपालन किया जाता रहा है। सभी बैंकों ने आइबीए को समझौते के लिए अधिकृत किया है। वर्तमान में पांच कर्मचारी यूनियन और चार अधिकारी एसोसिएशन का संयुक्त मोर्चा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ही आइबीए के साथ वार्ता कर रही है।

पिछला द्विपक्षीय समझौता 31 अक्टूबर 2012 को समाप्त होने के बाद 1 नवंबर 2012 से समझौता लंबित है। हालांकि आइबीए को यूएफबीयू द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए अलग-अलग मांगपत्र दिया जा चुका है। अभी तक सोलह चक्र दोनों पक्षों में वार्ता हो चुकी है। लेकिन, सभी बेनतीजा साबित रही।

वेतन अवमूल्यन की स्थिति

विगत कुछ वर्षो में बैंकिंग उद्योग में अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में मुद्रास्फीति की बढ़ती दर के बावजूद अवमूल्यन हुआ। एआइपीएनबीओए के मंडल सचिव उत्तम कुमार ने बताया कि स्थिति ये हो गई कि बेतिया में कृषि प्रबंधक के पद से प्रवीण कुमार ने इस्तीफा देकर केंद्रीय सचिवालय में अपर डिवीजन क्लर्क पद पर नौकरी खुशी-खुशी ज्वाइन कर ली है।

ये है केंद्रीय कर्मियों की तुलना में बैंक अधिकारियों के मूल वेतन के अवमूल्यन का ग्राफ

वर्ष बैंक केंद्रीय

1979 के पूर्व 500 450

1979 में 700 700

1986 में 2100 2200

1987 में 7100 8700

1996 में 10,000 12,500

2006 में 14,500 21,000

ये है एक सूत्री मांग

यूएफबीयू की एकसूत्री मांग है कि केंद्रीय कर्मियों व अधिकारियों की भांति बैंक कर्मियों एवं अधिकारियों का वेतन हो। मौजूदा स्थिति में पे स्लिप में 25 फीसद बढ़ोतरी की जाए। जबकि आइबीए 11 फीसद से अधिक पैसा बढ़ाने को तैयार नहीं है।

दिखे कर्मियों से लेकर अधिकारियों के उग्र तेवर

एक दिवसीय हड़ताल में कर्मियों से लेकर अधिकारियों तक के तेवर कड़े दिखे। हालत ये रही कि स्टेट बैंक के महाप्रबंधक ने आज समीक्षा बैठक का कार्यक्रम रख दिया। बस, यूएफबीयू ने चेतावनी दे दी कि यहां किसी हालत में बैठक नहीं होने दी जाएगी। नौ बजे सुबह ही डॉ. विनोद प्रसाद, जवाहर चौधरी, मृत्युंजय मिश्र, टुनटुन बैठा आदि ने मोर्चा संभाल लिया। नारेबाजी शुरू हो गई। घंटों नारेबाजी होती रही।

वहीं, मंगलवार को गठित हुई नौ टीमें शहर के विभिन्न हिस्सों में घूम घूमकर खुली एटीएम बंद कराती रही। पीएनबी के बालमुकुंद प्रसाद सिंह ने दो स्टेट बैंक और एक एक्सिज बैंक एटीएम बंद कराई।

उधर, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक मुख्यालय समेत शाखाएं बंद रही। कलमबाग चौक स्थित मुख्यालय में सुबह साढ़े नौ बजे से नारेबाजी शुरू हो गई। डॉ. कृष्णकुमार, अरुण कुमार सिंह, अजित कुमार श्रीवास्तव, विमल कुमार सिन्हा, सुरेश कुमार, वीरेंद्र सिंह, सुबोध चंद्र सिंह, अमरनाथ झा, शंभूशरण सिंह आदि मौजूद रहे।

नहीं हो पाई वैकल्पिक व्यवस्था

इस बार की हड़ताल की सबसे बड़ी खासियत यही रही कि पूरे बैंकिंग उद्योग का चक्का जाम रहा। उच्च स्तरीय प्रबंधन भी एटीएम चालू नहीं करा सका। हालांकि एक दिन पूर्व कैश सभी निजी व सार्वजनिक बैंकों की एटीएम में डाले गए थे। ताकि हड़ताल की सुबह लोग पैसा निकासी कर सकें। बैंक ऑफ इंडिया के राजेश झा ने कहा कि कहीं कोई एटीएम खुलने नहीं दी गई।

ये रही कारोबार की स्थिति

-बैंकों में नहीं हो सका 2.5 अरब रुपये का कारोबार

-स्टेट बैंक के करेंसी ब्रांच में 50 करोड़ रुपये के चेक क्लियरिंग नहीं

-सभी एटीएम से करीब पांच करोड़ की निकासी नहीं

ये भी रहा प्रभावित

जिला अवर निबंधन पदाधिकारी निलेश कुमार ने बताया कि एक करोड़ का काम नहीं हो सका। वहीं, प्रखंड निबंधन कार्यालयों में भी कुल मिलाकर एक करोड़ और कुल दो करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। जिला कोषागार से 10 करोड़ का बिल नहीं पास हो सका। वाणिज्य कर विभाग का राजस्व भी नहीं बैंक में जमा नहीं हो सका।

आर-पार का एलान

यूएफबीयू के संयोजक अशोक ठाकुर ने दिनभर चले स्टेट बैंक जोनल कार्यालय में धरने में कहा कि हड़ताल का आगामी कार्यक्रम 4 दिसंबर को है। इसके बाद भी आइबीए ने समझौता नहीं किया तो संयुक्त मोर्चा बेमियादी हड़ताल पर चला जाएगा।

स्टेट बैंक, पीएनबी और बैंक ऑफ इंडिया के जोनल कार्यालय पर हुए धरने-प्रदर्शन में मृत्युंजय मिश्र, जवाहर चौधरी, अशोक ठाकुर, मिथिलेश कुमार सिंह, उत्तम श्रीवास्तव, मुकेश कुमार, अच्युतानंद, डॉ. विनोद प्रसाद, कमलेश कुमार राय, रंजन, चंदन कुमार, कुंदन कुमार, उपेंद्र कुमार, कौशल कुमार, एनके शर्मा, शशि कुमार, अरुण कुमार आदि मौजूद रहे। स्टेट बैंक जोनल कार्यालय में धन्यवाद टुनटुन बैठा ने दिया।

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