बिदवाड़ा के इस घर में दिखती है संयुक्त परिवार की झलक, मां का आदेश सर्वोपरि

मुंगेर । माता-पिता का बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। ये दोनों निर्माता ही नहीं भाग्य विधा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 09:33 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 09:33 PM (IST)
बिदवाड़ा के इस घर में दिखती है संयुक्त परिवार की झलक, मां का आदेश सर्वोपरि
बिदवाड़ा के इस घर में दिखती है संयुक्त परिवार की झलक, मां का आदेश सर्वोपरि

मुंगेर । माता-पिता का बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। ये दोनों निर्माता ही नहीं, भाग्य विधाता भी हैं। हमेशा बच्चों और घर के मार्गदर्शक रहते हैं। परिवार के मुखिया के रूप में उनकी भूमिका अहम है। साथ ही बच्चों को अच्छे मुकाम पर पहुंचाने के लिए प्रयासरत भी हैं। दोनों सफल गार्जियन के साथ-साथ मार्गदर्शक भी हैं। वह संतान के लिए साक्षात भगवान के रूप हैं। माता से मिले संस्कार के कारण सभी भाई और उनके परिवार एक साथ संयुक्त परिवार की तरह रहे हैं। हम बात कर रहे ऐसी ही एक महिला बुजुर्ग शख्सियत की। शहर के बिदवाड़ा स्थित वीणापाणी सिंह (82) की कहानी कुछ इस तरह का है। इनके चार बेटे हैं, सभी आज अपने पैर पर हैं। इनके दो बेटे बाहर रहते हैं। पर्व के समय सभी घर पहुंचते हैं। घर में अनुशासन का सख्ती से पालन होता है। माता जी वीणापानी सिंह से पूछकर ही सभी बच्चे व बहूएं काम करते हैं। जीवन शैली में कई बदलाव देखने को मिल रहा है। आज की संस्कृति में ज्यादातर दंपती ही साथ रहना मुनासिब समझते हैं, लेकिन बिदवाड़ा के इस घर में एक ही छत के नीचे सभी भाई, भाभी, भावो, जेठानी साथ रहतीं हैं। संयुक्त परिवार को जो परि²श्य होना चाहिए वह इस घर में दिखता है। मां के आज्ञा अथवा अनुमति के बिना कोई काम नहीं हो सकता। हंसते-खेलते इस परिवार में बच्चों की संख्या में आठ है। सभी बच्चे अपनी दादी के आंखों के तारे हैं। ---------------------- न्यायिक पदाधिकारी की बेटी होकर घर को बखूबी संभाला वीणापाणी सिंह (82) की शादी वर्ष 1958 में नागेंद्र प्रसाद सिंह के साथ हुई थी। इनके पिताजी मुंगेर ही न्यायिक दंडाधिकारी थे। पति उस वक्त कोर्ट में अधिवक्ता थे। वीणापाणी सिंह की जब शादी हुई थी तो घर में कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव था, फिर भी हौसले को कम नहीं होने दिया। समय और समस्या से डटकर सामना किया। चार बेटे की परवरिश और पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी को बखूबी से निर्वहन करते हुए सभी को करियर में सफल बनाया। दो बेटा साथ रहते हैं, दो बाहर। पर्व-त्योहार के मौके पर सभी एक साथ जुटते हैं और साथ में रहते हैं। इस परिवार के प्यार और विचार की चर्चा पूरे गांव और आसपास तक है।

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