धर्म हमें 'मैं' को छोटा करने और 'हम' के दायरे को बढ़ाने की शिक्षा देता है : डॉ. मनमोहन वैद्य

मुंगेर। ¨हदू एक रहे, भेदभाव नहीं सहें के संघ घोष वाक्य के साथ सोमवार को राष्ट्रीय स्वयं से

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jan 2019 10:04 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jan 2019 10:04 PM (IST)
धर्म हमें 'मैं' को छोटा करने और 'हम' के दायरे को बढ़ाने की शिक्षा देता है : डॉ. मनमोहन वैद्य
धर्म हमें 'मैं' को छोटा करने और 'हम' के दायरे को बढ़ाने की शिक्षा देता है : डॉ. मनमोहन वैद्य

मुंगेर। ¨हदू एक रहे, भेदभाव नहीं सहें के संघ घोष वाक्य के साथ सोमवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मकर संक्रांति सह सामाजिक समरसता उत्सव एवं त्रिदिवसीय मुंगेर-भागलपुर विभाग का कार्यकर्ता बैठक विद्या मंदिर पुरानीगंज में प्रारंभ हुआ। मौके पर अखिल भारतीय सह सर कार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि मकर संक्रांति प्रकाश का दायरा बढ़ाने का उत्सव है। ¨हदू धर्म की खूबी विविधताओं में एकता स्थापित करना है।

उन्होंने धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि धर्म मनुष्य में 'मैं' को छोटा करने और 'हम' की भावना के दायरे को बढ़ाने की शिक्षा देता है। जब मनुष्य 'हम' के दायरे को बढ़ाता है, तो वह जन-कल्याण और समाज-देश के हित के बारे में सोचता है।

उन्होंने मनुष्यों को अपनी आत्मा की रोशनी को फैलाने की शिक्षा दी। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म वास्तव में एक दूसरे को जोड़ने की बात करता है। हमारा ¨हदुत्व जीवन दर्शन भी यही है। राजनीति तोड़ने का काम करता है, यह हमारा संस्कार नहीं है। इस धरती पर से जब मनुष्य विदा लेता है, तो वह मकान, धन, संपत्ति और प्रिय-परिजन को यहीं छोड़ जाता है। परंतु, अपने साथ केवल कर्म लेकर जाता है। इसीलिए मनुष्य को सदैव अच्छे कर्म करना चाहिए।

समरसता-उत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शारीरिक शिक्षण प्रमुख अरुण कुमार, प्रांत प्रचारक राणा प्रताप ¨सह, बालमुकुंद गुप्त, इंद्रनारायण, वीणेश शर्मा, श्रवण जालान, अमरनाथ केशरी, प्रदीप कुमार, गौतम कुमार, अशोक चौधरी सहित सैकड़ों स्वयं सेवक मौजूद थे।

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