राम जानकी के विवाह के साथ संपन्न हुआ राम कथा

संवाद सूत्र, संग्रामपुर(मुंगेर): मध्य विद्यालय गो¨वदपुर में मानस सत्संग सेवा समिति द्वारा आयोजित पांच

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Feb 2019 10:31 PM (IST) Updated:Thu, 14 Feb 2019 10:31 PM (IST)
राम जानकी के विवाह के साथ संपन्न हुआ राम कथा
राम जानकी के विवाह के साथ संपन्न हुआ राम कथा

संवाद सूत्र, संग्रामपुर(मुंगेर): मध्य विद्यालय गो¨वदपुर में मानस सत्संग सेवा समिति द्वारा आयोजित पांच दिवसीय रामकथा के अंतिम दिन कथावाचक रविशंकर जी महराज ने राम जानकी विवाह का जीवंत चित्रण कर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। कथावचक ने कहा कि राजा जनक द्वारा सीता के विवाह के लिए किए गए स्वयंवर में आए सभी राजा-महाराजा जब भगवान शिव का धनुष नहीं उठा सकें, तब ऋषि विश्वामित्र ने प्रभु श्री राम को आज्ञा देकर कहा कि राम उठो, शिवजी का धनुष तोड़कर जनक का संताप मिटाओ। गुरु विश्वामित्र के वचन सुनकर श्रीराम उठे और धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए आगे बढ़े। यह ²श्य देखकर सीता के मन में उल्लास छा गई। प्रभु की ओर देखकर सीताजी ने मन ही मन निश्चय किया कि यह शरीर इन्हीं का होकर रहेगा या तो रहेगा ही नहीं। माता सीता के मन की बात प्रभु श्रीराम जान गए और उन्होंने देखते ही देखते भगवान शिव के धनुष को उठाया। प्रत्यंचा चढ़ाते ही एक भयंकर ध्वनि के साथ धनुष टूट गया । यह देखकर सीता के मन को संतोष हुआ। फिर जानकी सखियों के बीच आईं, और श्रीराम के गले में जयमाला पहनाया । यह ²श्य देखकर समस्त देवता फूल बरसाने लगे। समिति के अध्यक्ष आत्मानंद चौधरी ने बताया कि आयोजन में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्रामीणों ने पूर्ण सहयोग किया। भजन कीर्तन और हवन के बाद होली मिलन एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित हुआ।

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