सच्ची लगन हो तो दूर की मंजिल भी हो जाती है आसान
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कैप्शन : कष्टी कर बाबाधाम जाते कांवरिया।
असरगंज (मुंगेर), संवाद सूत्र : कहा जाता है सच्ची आस्था के आगे प्रतिकूल परिस्थिति हार जाती है। सच्ची लगन हो तो दूर की मंजिल भी आसान हो जाती है। उक्त बाते दंडवत कर देवघर जाती सुलोचना देवी व मासूम बच्चे को देख कर शत-प्रतिशत चरितार्थ हो जाती है। सुलोचना देवी बस बोलबम, हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए बाबाधाम की ओर बढ़ी जा रही हैं। सुलोचना देवी की शिव के प्रति सच्ची आस्था उनके विश्वास की कहानी बयां कर देती है। आसनसोल की रहने वाली यह महिला अपने पारिवारिक झंझट व गरीबी के कारण काफी दुखी रहती थी। उन्होंने भगवान भोलेनाथ से मन्नत मांगी थी, जो भोलेनाथ की कृपा से पूरी हो गई। मन्नत पूरी होने के बाद भगवान भोलेनाथ की अराधना में 23 जुलाई को ही बाबाधाम के लिए निकली हैं और दंडवत करते हुए अपनी यात्रा पर अग्रसर हैं। वहीं उनके पड़ोस में रहने वाली किशोरी को तीन बहनों में एक भी भाई नहीं है। रक्षाबंधन के दिन वे किसे राखी बांधेगी, यह बताते हुए उसके आंखों से आंसू बहने लगते हैं। भाई पाने की इच्छा से वह बाबाधाम की यात्रा कर रही हैं।