पहले लक्ष्य की बीस फीसदी ही धान खरीद, अब करोड़ों का हिसाब नहीं

मधुबनी। जिले में पहले पिछले वित्तीय वर्ष में धान की खरीद लक्ष्य की महज 20 फीसदी ही हुई। साथ ही जो धान की खरीद हुई उसके करोड़ों रुपये का हिसाब पैक्सों ने अब तक नहीं दिया है। वहीं गेहूं की खरीद का भी यहां बुरा हाल है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 11:57 PM (IST) Updated:Tue, 24 Sep 2019 06:34 AM (IST)
पहले लक्ष्य की बीस फीसदी ही धान खरीद, अब करोड़ों का हिसाब नहीं
पहले लक्ष्य की बीस फीसदी ही धान खरीद, अब करोड़ों का हिसाब नहीं

मधुबनी। जिले में पहले पिछले वित्तीय वर्ष में धान की खरीद लक्ष्य की महज 20 फीसदी ही हुई। साथ ही जो धान की खरीद हुई उसके करोड़ों रुपये का हिसाब पैक्सों ने अब तक नहीं दिया है। वहीं गेहूं की खरीद का भी यहां बुरा हाल है। रबी में अब तक मात्र 30 क्विंटल गेहूं की खरीद हुई है।

मालूम हो कि खरीफ में धान की खरीदारी में राज्य खाद्य निगम लक्ष्य से काफी पीछे रहा। जिले के 399 पैक्स अध्यक्षों के माध्यम से 12 लाख क्विंटल धान खरीदगी का लक्ष्य था। मगर, अधिकारियों की लापरवाही व पैक्स अध्यक्षों की उदासीनता के कारण महज 2.13 लाख क्विंटल धान ही किसानों से खरीदे गए। 226 पैक्सों के माध्यम से ही धान की खरीद की गई। समय से राशि का भुगतान नहीं होने से विमुख हुए किसान

बताया जाता है कि पैक्स अध्यक्षों द्वारा धान खरीद में शिथिलता बरती गई। इनकी ओर से समय पर किसानों को पैसा का भुगतान नहीं किया गया। जबकि फसल के सीजन में अनाज की बिक्री कर किसान अपनी लागत निकालने की जल्दबाजी में रहते हैं। अनाज बेच कर पैसा के लिए दौड़ने की विवशता ने किसानों को विमुख कर दिया। यही कारण रहा कि पिछले धान के सीजन में निर्धारित लक्ष्य की 20 फीसदी ही खरीद हो सकी। अब इसमें एक और पेंच राशि के जमा करने को लेकर है। धान का बकाया 4.19 करोड़ रुपये छह माह से विभाग के पास लंबित है। इस बीच करीब दो करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिए गए। मगर, इसका वितरण नहीं हो सका है। कम खरीदारी से चावल की कमी

जिले में 26 अधिकृत राइस मिल हैं। इन मिलों को पिछले सीजन में पर्याप्त धान नहीं उपलब्ध कराया गया। इस कारण यहां अपेक्षाकृत कम चावल तैयार हो सका। वहीं पिछले सीजन में खरीद किए गए धान के 67 फीसदी चावल (सीएमआर) जमा किया जाना था। इसमें 1,41,398.12 क्विंटल ही विभाग द्वारा खरीद करने की सूचना है। जबकि सीएमआर 1,42,888.10 निर्धारित था। इस मामले में राज्य खाद्य निगम, मधुबनी के प्रभारी प्रबंधक शिव कुमार पंडित ने बताया कि धान खरीद नहीं होना मेरे प्रभार से पहले का मामला है। इस कारण कुछ कहना सही नहीं होगा। हालांकि, राशि आने पर शीघ्र भुगतान करने की बात कही।

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