जीवन के लिए शिक्षा से बड़ा कोई धन नहीं : डीडीसी

शिक्षक दिवस पर जिला मुख्यालय स्थित माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रति श्रद्धा निवेदित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Sep 2018 08:00 PM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2018 08:00 PM (IST)
जीवन के लिए शिक्षा से बड़ा कोई धन नहीं : डीडीसी
जीवन के लिए शिक्षा से बड़ा कोई धन नहीं : डीडीसी

मधुबनी। शिक्षक दिवस पर जिला मुख्यालय स्थित माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रति श्रद्धा निवेदित किया गया। इस अवसर पर छात्र व शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया स्थानीय जिला माध्यमिक शिक्षक संघ भवन के सभागार में संघ की अध्यक्ष सुनैना कुमारी की अध्यक्षता में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि डीडीसी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षा सबसे बड़ा धन है। यह धन आपसे कोई नहीं छीन सकता। इससे स्वभाव में नम्रता आती है और आप नई समाज की रचना कर सकते हैं। इस पर वेद की ऋचाओं के पाठ चर्चा करते हुए कहा कि मुझे सबसे बड़ी खुशी इस बात की है कि हमने आज वर्षों बाद यहां वेद की यह ऋचाएं सूनी जो मन को उर्जा से भर दिया। कहा कि वेद हमारी संस्कृति का अंग है। जिसे हम आज भूला दिए हैं। यह सही जीवन जीने की ओर हमें प्रेरित करता है। आज के संगोष्ठी का विषय नवाचारी शिक्षा पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इसमें भी हमारी पुरानी संस्कृति की झलक मिलती है। हम धीरे-धीरे उसी पद्धति की ओर आ रहे है जो हमारे पूर्वजों ने लागू की थी। इसका तेजी से विकास होना चाहिए। नवाचारी शिक्षा के माध्यम से हम छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा देकर मजबूत बना सकते हैं। विशिष्ट अतिथि विधायक समीर महासेठ ने कहा कि शिक्षा से ही हम बेहतर मानव की रचना कर सकते हैं। इधर देखने में आया है कि इसमें ह्रास हुआ है। इमें यह देखना होगा कि यह कहां चूक है और उसको दुरूस्त कर शिक्षा को नई ऊंचाई दे सकते हैं। जहां तक नवाचारी पद्धति से शिक्षा देने की बात है यह वर्तमान समय की मांग है।कहा कि आप किन्हीं पांच विद्यालयों की समस्या पर हमें जानकारी दें। जो दो साल बचा है उसमें हमें विद्यालय के विकास के लिए जो बन पड़ेगा हम पीछे नहीं हटेंगे।

शैक्षिक परिषद के सचिव जयप्रकाश ने कहा कि विद्यालय में छात्रों की घटती अभिरूचि से ऐसा लगता है कि शिक्षण संस्थाओं रचनात्मक सुधार की आवश्यकता है। ताकि छात्रों का विद्यालय ओर रूझान बढ़े। शिक्षा को जीवन और समयानुकुल बनाने के लिए उसकी वस्तु एवं शिक्षण विधियों में नवीनता लाई जाय।

मंच संचालन गौरी कांत मिश्र ने किया। जबकि इस अवसर पर डीपीओ स्थापना राजेश कुमार, डा. विजय कुमार, डा. सर्वनारायण मिश्र सहित अन्य शिक्षक उपस्थित थे।प्रारंभ में भगवती वंदना व स्वागत गान शिवगंगा की संगीत शिक्षिका मधु व अर्चना के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया।

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सम्मानित होने वाले शिक्षक:-

इस अवसर पर अवकाशप्राप्त 21 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। जिसमें राजेश्वर प्रसाद ¨सह, शोभाकांत झा,श्यामनंदन राय, रासअधीन यादव, ननकू यादव, गणेश झा, बालकृष्ण झा, बच्ची देवी, प्रतिमा कुमारी, श्रीनारायण यादव, मो. अब्दूल बाड़ी, विद्यानंद लाल दास, रामपुकार पंडित, अर्जून मिश्र, हीरा प्रसाद ¨सह,मो. कैसर अहसन, विजय कुमार चौधरी, ािशीनाथ झा, विनोद कुमार मिश्र, जगदीश झा, मो. अनवार अहमद, जागेश्वर कुमार हैं। सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राएं वही इस अवसर पर माध्यमिक विज्ञान में सुमित कुमार, शिवम कुमार, गौतम कुमार, उच्च माध्यमिक में दीपक कुमार, सावन कुमार, प्रियदर्शी कुमार, आदित्य कुमार, कला में दिप्ती कुमारी, मनीषा कुमारी, रामकुमारी, रोनक प्रवीण, वाणिज्य में ¨चटू कुमारी राम, शिवानी कुमारी, शालनी कुमारी हैं।

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