जमीन रजिस्ट्री के लिए बैंकों का नहीं लगाना होगा चक्कर

जमीन की रजिस्ट्री के लिए चालान बनाने अब बैंकों में जाने की मजबूरी समाप्त हो गई। बुधवार को जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने जिला निबंधन कार्यालय में ई-स्टांपिग की शुरुआत की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 10:13 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 06:10 AM (IST)
जमीन रजिस्ट्री के लिए बैंकों का नहीं लगाना होगा चक्कर
जमीन रजिस्ट्री के लिए बैंकों का नहीं लगाना होगा चक्कर

मधुबनी। जमीन की रजिस्ट्री के लिए चालान बनाने अब बैंकों में जाने की मजबूरी समाप्त हो गई। बुधवार को जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने जिला निबंधन कार्यालय में ई-स्टांपिग की शुरुआत की। मार्च से जिले के अन्य निबंधन कार्यालयों में भी यह सुविधा शुरू हो जाएगी। मालूम हो कि अब तक जमीन निबंधन के लिए लगने वाले शुल्क का चालान बैंक से बनवाना पड़ता था। मगर, अब चालान की जगह एकमुश्त इस ई-स्टांप से जमीन की रजिस्ट्री हो जाएगी। लोगों को एक और यह फायदा होगा कि जितनी राशि के स्टांप की जरूरत होगी उतनी ही उन्हें देना होगा। इसके लिए कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं लगेगा। एक हजार का स्टांप देकर सेवा की शुरुआत जिला पदाधिकारी ने स्टॉक होल्डिग कंपनी के काउंटर से राकेश कुमार को एक हजार रुपये का ई-स्टांप देकर सेवा की शुरुआत की। साथ ही उन्होंने इसके बारे में जानकारी भी ली। इस दौरान एआइजी, दरभंगा डॉ. संजय कुमार, जिला अवर निबंधक राकेश कुमार, सब रजिस्ट्रार खजौली अरिबंद कुमार खां, झंझारपुर मोहन मंडल, जयनगर कुमार दीनबंधु, फुलपरास शाकंभरी चंदन व स्टॉक होल्डिग कंपनी के रवि रंजन मौजूद थे। जलाशयों की चौहद्दी वाली जमीन की रजिस्ट्री से पहले होगा भौतिक सत्यापन जल-जीवन-हरियाली के तहत जलाशयों व जलस्त्रोतों की जमीन को अतिक्रमण से बचाने की पहल शुरू हो गई है। अब ऐसी कोई भी जमीन जिसकी चौहद्दी में जलाशय या जलस्त्रोत होगा उसका पहले भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यह सत्यापन पदाधिकारियों की टीम करेगी। टीम की संतुष्टि के बाद ही इसका निबंधन हो सकेगा। इस संबंध में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने निर्देश भी जारी किया है। डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि इससे जलाशयों का अतिक्रमण नहीं होगा। साथ ही अनधिकृत रूप से इस तरह की जमीन भी नहीं बिकेगी। दस्तावेज नवीसों ने शेड की उठाई मांग दस्तावेज नवीस संघ के अध्यक्ष गुंजेश्वर झा ने डीएम से मिलकर निबंधन कार्यालय में शेड की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि शेड नहीं होने से काफी परेशानी होती है। डीएम ने इस संबंध में प्रस्ताव भेजने का निर्देश जिला अवर निबंधक को दिया।

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