महथा की मुखिया के वित्तीय अधिकार पर रोक की अनुशंसा

जिले के लदनियां प्रखंड के प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने महथा पंचायत की मुखिया तेतरी देवी एवं महथा पंचायत के वार्ड संख्या सात आठ एवं 11 के वार्ड सदस्यों के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने की अनुशंसा जिला पंचायत राज पदाधिकारी से की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 11:16 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 11:16 PM (IST)
महथा की मुखिया के वित्तीय अधिकार पर रोक की अनुशंसा
महथा की मुखिया के वित्तीय अधिकार पर रोक की अनुशंसा

मधुबनी । जिले के लदनियां प्रखंड के प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने महथा पंचायत की मुखिया तेतरी देवी एवं महथा पंचायत के वार्ड संख्या सात, आठ एवं 11 के वार्ड सदस्यों के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने की अनुशंसा जिला पंचायत राज पदाधिकारी से की है। इस संबंध में लदनियां के प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र भेज दिया है। इस पत्र की प्रति लदनियां के बीडीओ एवं जिला पदाधिकारी को भी भेजा गया है। उक्त पदाधिकारियों को भेजे गए अनुशंसा पत्र में लदनियां के प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने उल्लेख किया है कि महथा पंचायत के वार्ड संख्या सात के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति की अध्यक्ष रीता देवी एवं सचिव संतोष कुमार दास, वार्ड संख्या आठ के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण महरा एवं सचिव संतोष कुमार, वार्ड संख्या 11 के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मिश्री मंडल एवं सचिव विनीता देवी और महथा पंचायत की मुखिया तेतरी देवी के पति धनिक लाल चौधरी के विरुद्ध मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना एवं ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना में राशि का दुरुपयोग करने, प्राक्कलन के विरुद्ध कार्य करने एवं वित्तीय अनियमितता किए जाने के कारण डीएम एवं लदनियां के बीडीओ के आदेश-निर्देश के अनुपालन में लदनियां थाना में पांच नवंबर 2019 को उनके द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बाद में इस कांड के पर्यवेक्षण के क्रम में एसडीपीओ, जयनगर ने महथा की वर्तमान मुखिया तेतरी देवी को भी दोषी पाते हुए अप्राथमिकी अभियुक्त बना दिया। उक्त कांड दर्ज होने एवं वर्तमान मुखिया तेतरी देवी को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाए जाने के बाद वार्ड संख्या सात, आठ एवं 11 के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के साथ-साथ मुखिया तेतरी देवी भी लगभग एक वर्ष से फरार है। फरार रहते हुए गुप्त तरीके से अपने वित्तीय अधिकार का भी उपयोग कर रहे हैं। चुपके से छिपकर कार्य करने एवं फरार हो जाने के कारण पंचायत एवं वार्ड के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। स्थानीय थाना से महज एक किमी दूरी पर ही निवास स्थान रहने के बाद भी पुलिस अब तक इन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि, एसडीपीओ, जयनगर एवं पुलिस अधीक्षक, मधुबनी ने प्राथमिकी एवं अप्राथमिकी अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का निर्देश करीब एक साल पहले ही उक्त कांड के अनुसंधानकर्ता को दे चुके हैं।

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