दस में से आठ मत उप मुखिया के खिलाफ, फिर भी बच गई कुर्सी

मधुबनी। गंगापुर पंचायत की उपमुखिया नीलम देवी जद्दोजहद के बीच अपनी कुर्सी बचाए रखने में सफल रहीं। प्रखंड कार्यालय भवन के हॉल में उपमुखिया पर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा एवं मतदान के लिए मुखिया उपेंद्र चौपाल की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 11:08 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 11:08 PM (IST)
दस में से आठ मत उप मुखिया के खिलाफ, फिर भी बच गई कुर्सी
दस में से आठ मत उप मुखिया के खिलाफ, फिर भी बच गई कुर्सी

मधुबनी। गंगापुर पंचायत की उपमुखिया नीलम देवी जद्दोजहद के बीच अपनी कुर्सी बचाए रखने में सफल रहीं। प्रखंड कार्यालय भवन के हॉल में उपमुखिया पर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा एवं मतदान के लिए मुखिया उपेंद्र चौपाल की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। 15 सदस्यीय वार्ड वाले इस पंचायत में उपमुखिया के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा व मतदान बैठक में कुल दस वार्ड सदस्य उपस्थित हुए। इस बैठक में अविश्वास का सामना करने के लिए उप मुखिया नीलम देवी मौजूद नहीं थीं। उपस्थित सदस्यों ने उपमुखिया को हटाने के लिए मुखिया से मतदान की प्रक्रिया अपनाने का आग्रह किया। उपस्थित दस वार्ड सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया। मतगणना में दो वार्ड सदस्य का मत अवैध घोषित कर दिया गया। जबकि आठ वार्ड सदस्यों ने उपमुखिया नीलम देवी के खिलाफ मतदान किया। इस तरह उपमुखिया नीलम देवी की कुर्सी बची रह गई।

वार्ड सदस्यों ने जताया विरोध, एसडीओ ने कहा-प्रक्रिया सही

अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने के बाद उपस्थित वार्ड सदस्यों ने प्रतिवाद किया कि उपस्थित दस वार्ड सदस्यों में से आठ ने उपमुखिया के खिलाफ मतदान किया है। इसलिए उप मुखिया को हटाया जाना चाहिए। इतना ही नहीं सदस्यों ने यह भी प्रतिवाद किया कि मतदान के समक्ष कोई भी पर्यवेक्षक मौजूद नहीं था। इन सबके बावजूद पंचायती राज नियमावली का उल्लेख करते हुए एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी ने चुनाव प्रक्रिया को सही बताया। उन्होंने कहा कि वार्ड की कुल संख्या एवं मुखिया को जोड़कर यहां कुल सदस्य संख्या 16 है। कुल सदस्य संख्या 16 के एवज में नौ मत अगर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में जाता तो उपमुखिया अपने पद से हट सकते थे। जो नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि यहां नियमत: चुनाव हुआ है।

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