मुरली मनोहर तालाब के जीर्णोद्धार पर मंथन

मधुबनी। जल जागृति अभियान का आम लोगों पर असर दिखने लगा है। अभियान के तहत जिन तालाबों की स्थिति सामने

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jun 2018 05:31 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jun 2018 05:31 PM (IST)
मुरली मनोहर तालाब के जीर्णोद्धार पर मंथन
मुरली मनोहर तालाब के जीर्णोद्धार पर मंथन

मधुबनी। जल जागृति अभियान का आम लोगों पर असर दिखने लगा है। अभियान के तहत जिन तालाबों की स्थिति सामने लाया गया है। वैसे तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है। जल संरक्षण के दिशा में अभियान के तहत निरंतर तालाबों की स्थिति को सामने लाते हुए उसके जीर्णोद्धार के लिए सरकारी-गैर सरकारी स्तर पर प्रयास रंग लाने लगा है। अभियान से तालाबों के जीर्णोद्धार के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। जाहिर है कि गर्मी के दिनों में तालाब सहित अन्य जलस्त्रोतों को सूखने से जल संकट गहराने लगता है। पशुओं को पेयजल के लिए परेशानी होती है। अभियान के तहत जंगलझाड़ उग आए तालाबों का जीर्णोद्धार करने को तरजीह दी जा रही है। ताकि बरसात आने के साथ वर्षा जल का संचय इन तालाबों में संभव हो सके। मुरली मनोहर तालाब किनारे गंदगी की सफाई का निर्णय शहर के मुरली मनोहर तालाब के चहुंओर गंदगी की सफाई के लिए अनु निर्मला सहयोग समिति ने आगे आने का मन बनाया है। समिति के सचिव सज्जन कुमार टिबड़ेवाल व ध्रुव नारायण त्रिपाठी ने बताया कि जल जागृति अभियान को बल प्रदान करने के दिशा में तालाबों की स्वच्छता बहाल रखने हेतु आने वाले एक-दो दिन में मुरली मनोहर तालाब के किनारे गंदगी की सफाई कार्य शुरू की जाएगी। सफाई कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक कि पूरी तरह स्वच्छता बहाल न हो सके। ध्रुव नारायण त्रिपाठी ने बताया कि सफाई अभियान के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तालाब के चहुंओर पौधरोपण कार्यक्रम चलाया जाएगा। वर्षा जल संरक्षण के उपायों पर करना होगा अमल जल संकट देश-दुनिया के लिए गंभीर समस्या के रूप में सामने आ रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए जल संरक्षण को बढ़ावा देना होगा। जल संरक्षण की अनदेखी नहीं की जा सकती बल्कि आम लोगों को तालाबों के साथ वर्षा जल संरक्षण के उपायों पर अमल करना होगा। रहिका प्रखंड में कुल तालाबों की संख्या 271 है। जिसमें से कुल 201 तालाब सैरात सूची में शामिल है। शेष 70 तालाबों का कहीं कोई अतापता नहीं चल रहा है। बंदोबस्त होने वाले 201 तालाब में से 12 पोखर पूरी तरह सूख गए हैं। कई तालाब स्थानीय लोगों द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया है। मत्स्यजीवी सहयोग समिति, रहिका के मंत्री सह कोषाध्यक्ष झड़ीलाल सहनी ने बताया कि बदहाल तालाबों का भी बंदोबस्त शुल्क जमा करने के बाद भी तालाब से मछली, मखान का उत्पादन नही हो रहा हैं। जल ही जीवन है। जल को हर हाल में बर्बाद होने से रोकना होगा। जल की सदुपयोग से ही इसकी बचत होगी। जल के बजाय जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। किसी भी तालाब या जल स्त्रोत की रक्षा में हाथ बंटाने को तैयार हूं।

- विद्यानंद जल की एक-एक बूंद की अहमियत को समझना होगा अन्यथा हालात ऐसी बनती जा रही है कि आगे चलकर आमदनी का अधिकांश हिस्सा जल की खरीदारी पर ही व्यय हो जाएगा। प्राकृतिक का अनमोल उपहार वर्षा जल के संरक्षण के लिए गंभीर होना पड़ेगा।

- तृप्ति तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए पूरी तरह तैयार हूं। इन दिशा में आम लोगों का सहयोग जरूरी है। तालाबों को बचाने के साथ पर्यावरण संरक्षण के दिशा में पौधरोपण कार्य का संकल्प लेता हूं। शीघ्र ही तालाब जीर्णोद्धार कार्य व पौधरोपण शुरू करेंगे।

- सज्जन कुमार टिबड़ेवाल जिले के बदहाल तालाबों का जीर्णोद्धार पर यहां जल संकट की समस्या पूरी तरह दूर किया जा सकता है। सरकारी या गैर सरकारी तालाबों को जीवित कर मखाना, मछली उत्पादन को बढ़ावा देने से पर्यावरण संरक्षण व रोजगार को बल मिलेगा।

- बालाजी मिश्रा

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