पेंशन की आस में स्वर्ग सिधारे

By Edited By: Publish:Thu, 17 Apr 2014 08:46 PM (IST) Updated:Thu, 17 Apr 2014 08:46 PM (IST)
पेंशन की आस में स्वर्ग सिधारे

घोघरडीहा (मधुबनी), संस : प्रखंड की चिकना पंचायत के 49 लाभुकों के पेंशन स्वीकृति को 8 वर्ष बीत जाने के बावजूद आजतक भुगतान नहीं होना, विभागीय अधिकारी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि को आईना दिखाने के लिए काफी है। हद तो तब हो गई कि पेंशन की आस में लगभग एक दर्जन लाभुक स्वर्ग लोक सिधार गए। लेकिन संबंधित किसी लोगों की कुंभकर्णी निद्रा नहीं टूट पाई है।

क्या है मामला :

एसडीओ फुलपरास के पत्रांक 645/8 मई 2006 के द्वारा चिकना पंचायत के 49 लाभुकों के पेंशन स्वीकृत हुए। उसी वर्ष नवंबर-दिसंबर के महीना में गांव के पोस्ट आफिस में खाता भी खुलवाया गया लेकिन आज तक पेंशन नहीं मिला। बीच में तत्कालीन एसडीओ ने पत्रांक 709/09 को डाक अधीक्षक मधुबनी को भुगतान हेतु पत्र भी लिखा और प्रतिलिपि डीएम को भी भेजकर भुगतान हेतु आग्रह किया था। कई लाभुकों के साथ उनके हक हेतु लड़ाई लड़ने वाले भी परलोक सिधार गए। चिकना निवासी ताहिर मियां, रामचन्द्र झा, गोपाल यादव, रघुनंदन कामत, घूरन सदाय, अगम लाल कामत, बुधन पासवान, परमानंद मिश्र, सीताराम साहु आदि तो पेंशन की आस में परलोक चले ही गए दुर्भागयवश सूचना अधिकार कार्यकर्ता रंजन कुमार झा की मौत भी वर्ष 2002 में हो गई। राजेश झा ने दर्जनों बार कनीय पदाधिकारी-वरीय अधिकारी से लेकर सरकार तक लिखा था। फलाफल कुछ नहीं मिला।

क्या कहते हैं लाभुक व परिजन :

जगमोहन पासवान, लखन पासवान, कृष्ण मिश्र, सुन्दर लाल यादव, कुसुम लाल मुखिया, कौशल्या देवी, शनिचरी देवी, देवकी देवी, कामेश्वरी देवी, सोनाई राम, जगतारण देवी, पुलकित सदाय, सारो देवी, बौआलाल मंडल, डोमी पासवान आदि ने कहा कि कोई आता और हम लोगों का इस उम्र में पेंशन दिलाकर सहारा बन जाता। हम में कई तो अब चल फिर भी नहीं सकते। परिजन हीरानंद मिश्र, जहरी खातून ने कहा कि अब क्या होगा जब पेंशन की आस में वो परलोक चले गए।

क्या कहते हैं डाक अधीक्षक :

डाक अधीक्षक एसएन सिंह ने दूरभाष पर कहा कि बिहार सरकार के साथ एकरारनामा समाप्त हो चुका है। जो भी क्लेम है उसका भुगतान बिहार सरकार ही करेगी। हमारी अब उसमें कोई जिम्मेवारी नही ंहै।

क्या कहते हैं एसडीओ :

एसडीओ विजय कुमार ने कहा कि तत्कालीन बीडीओ से वर्षवार माहवार ऐसे लाभुकों का स्वीकृत तिथि से मांग मांगा गया था, नहीं देने पर वर्तमान बीडीओ को भी लिखा गया है। आगे बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष का भुगतान तो शीघ्र किया जाएगा। जल्द प्रक्रिया पूरी करने के बाद बैकलॉग का भी भुगतान होगा।

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