सेविका चयन मामले में लीपापोती शुरु

By Edited By: Publish:Mon, 01 Sep 2014 07:32 PM (IST) Updated:Mon, 01 Sep 2014 07:32 PM (IST)
सेविका चयन मामले में लीपापोती शुरु

ग्वालपाड़ा मधेपुरा, संसू : जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देश पर सीडीपीओ ने सोमवार को शाहपुर पंचायत में नियम विरुद्ध चयनित सेविका के मामले की जांच शुरु कर दी। ज्ञात रहे कि इस मामले को दैनिक जागरण ने रविवार के अंक में प्रकाशित किया था। इसको गंभीरता से लेते हुए डीपीओ नरेंद्र कुमार सिंह ने सीडीपीओ को मोबाइल पर जांच के निर्देश दिए। सीडीपीओ ने वार्ड का स्थलीय निरीक्षण किया। लेकिन आरोपी पक्ष को न तो उन्होंने मौके पर बुलाया और नहीं वर्तमान वार्ड सदस्य से वार्ड की वैधानिक स्थिति के बारे में कोई जानकारी ही प्राप्त की। वह चयनित सेविका के पक्ष के लोगों से ही भेंट कर उनका गवाही लिया और चली गई। जबकि ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान वार्ड सदस्य पंजाब में मजदूरी करते है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कुछ मुठ्ठीभर ग्रामीणों के कहे जाने पर यह तय किया जा सकता हैकि कौन किस वार्ड का वासी है और कौन नहीं। सरकारी ओर से जारी किए गए वैध कागजात जैसे निर्वाचन सूची, राशन कार्ड, सरपंच की जारी निवास प्रमाण पत्र सब बेमानी है। बहरहाल जो भी मामले में लीपापोती का खेल शुरु हो गया है और डीपीओ अपनी गर्दन बचाने के लिए तरह-तरह के अनर्गल तर्क गढ़ रहे और कहानी बना रहे है। जबकि सारे सरकारी और गैर सरकारी कागजात यही साबित कर रहे हैं कुमारी ठाकुर वार्ड संख्या एक निवासी है और रुपा वार्ड संख्या दो की निवासी है। फिर भी जांच कराने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर डीपीओ ने अपने कार्यालय में जागरण प्रतिनिधि के साथ बातचीत के दौरान सरकार की ओर से तय किए मानकों को सवालों के घेरे में ला दिया। उन्होंने सीडीपीओ का बचाव करते हुए कहाकि महिला होने के चलते वह ही वह आमसभा को फेश कर लेती है। नहीं तो पुरुष पदाधिकारी होते तो हाथ खडे़ कर देते। देखिए आगे होता है क्या? वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो इस मामले में डीपीओ का एक पक्ष को खुला संरक्षण प्राप्त है। जांच तो एक बहाना है।

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