तेज हवा व बारिश से धान की फसल को क्षति

लखीसराय । लगातार हो रही बारिश से प्रखंड के किसान प्रभावित हो रहे हैं। ऊंची भूमि पर धान

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Oct 2020 06:53 PM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2020 06:53 PM (IST)
तेज हवा व बारिश से धान की फसल को क्षति
तेज हवा व बारिश से धान की फसल को क्षति

लखीसराय । लगातार हो रही बारिश से प्रखंड के किसान प्रभावित हो रहे हैं। ऊंची भूमि पर धान लगाने वाले किसानों के लिए बारिश संजीवनी साबित हो सकती है, लेकिन निचले इलाके वाली भूमि में धान लगाने वाले किसानों के लिए यह बारिश नुकसानदायक साबित हो रही है। अत्यधिक बारिश व तेज हवा के कारण धान की अगेती प्रजाति के हाइब्रिड नस्ल के दर्जनों एकड़ में बाली लगे अर्ध पका धान एवं बाली निकलने से पहले धान को यह मौसम काफी प्रभावित कर चुका है। खराब मौसम के कारण खेतों में अर्ध पका धान व बाली निकलने से पहले धान के पौधे जमीन पर गिरकर नष्ट हो चुका है। अगेती धान लगाने वाले किसानों के मंसूबे पर पानी फिर चुका है। पीड़ित कृष्णदेव यादव, अनिल यादव, पंचानंद पंडित, राजकुमार यादव आदि किसानों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान आर्थिक संकट के बीच समय से धान की अच्छी पैदावार की उम्मीद थी। अगली फसल मक्का, गेहूं व तिलहन व दलहन की खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेकर अच्छे नस्ल की अगेती धान की खेती की थी, लेकिन अचानक प्रलयंकारी मौसम के कारण धान जमीन पर गिरकर बर्बाद हो चुका है। ऐसे में किसानों की लागत पूंजी निकालना भी मुश्किल हो चुका है। वहीं साहूकारों के कर्ज चुकाने की भी बोझ सर पर चढ़ा है। इसके अलावा बाली निकलने वाले लहलहाते धान की फसल में भी अधिक पानी लग जाने से बर्बादी की आशंका जताई जा रही है। बारिश से अगली फसल पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में अचानक मौसम खराब होने तथा अधिक बारिश से किसानों के बीच समस्या उत्पन्न हो चुकी है। किसानों ने बताया कि अत्यधिक बारिश से खेतों में लबालब पानी भर चुका है। खेतों से नमी कम होने में काफी समय लग सकता हैं। ऐसे में मक्के की अगेती बुआई के अलावा गेहूं, तिलहन, दलहन के अलावा साग सब्जी की खेती पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसका खमियाजा आम किसानों को भुगतना पड़ सकता है।

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