शिक्षक की शर्मनाक करतूत: परीक्षा पास करवाने का झांसा देकर किया था दुष्‍कर्म, मिली ये सजा

मैट्रिक परीक्षा पास करवाने का झांसा देकर शिक्षक ने छात्रा के साथ दुष्‍कर्म किया और फिर गर्भपात करवाया। इस मामले में कोर्ट ने उसे दस साल की जेल व 40 हजार जुर्माना की सजा दी है।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Wed, 25 Apr 2018 03:59 PM (IST) Updated:Wed, 25 Apr 2018 10:42 PM (IST)
शिक्षक की शर्मनाक करतूत: परीक्षा पास करवाने का झांसा देकर किया था दुष्‍कर्म, मिली ये सजा
शिक्षक की शर्मनाक करतूत: परीक्षा पास करवाने का झांसा देकर किया था दुष्‍कर्म, मिली ये सजा

किशनगंज [जेएनएन]। कहते हैं शिक्षक और छात्र का रिश्‍ता काफी पवित्र होता है। लेकिन एक कलयुगी शिक्षक ने इस रिश्‍ते को शर्मसार करते हुए परीक्षा पास करवाने के नाम पर छात्रा को हवस का शिकार बनाया। उसके बाद गर्भवती होने पर जबरन गर्भपात करवाया। इस मामले में स्कूल के शिक्षक को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए 10-10 साल का सश्रम कारावास व 20-20 हजार का जुर्माना लगाया।

दोषी शिक्षक रामकुमार चौधरी को दो अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाते हुए एडीजे सत्येंद्र पाण्डे ने इस कृत्य को अत्यंत घृणिक एवं पाशविकता का द्योतक करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में दोषसिद्ध अभियुक्त किसी सहानुभूति का अधिकारी नहीं है। इस प्रकार के अपराध में दोषी व्यक्ति को ऐसी सजा दिया जाना आवश्यक है, जिससे समाज में आवश्यक संदेश जाए।

मार्च 2015 में अभियुक्त के इस कृत्य के दो-तीन माह बाद पीड़िता का दवाई खिलाकर जबरन गर्भपात करवाने के बाद अगस्त 2015 में महिला थाना में पीड़िता के आवेदन पर कांड संख्या 48/15 दर्ज की गई थी। जांच के बाद पुलिस के द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया गया था। लगभग तीन साल बाद बुधवार को न्यायालय का फैसला आया।

अभियोजन की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों को सही पाकर एडीजे सत्येंद्र पाण्डे ने रामकुमार चौधरी को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाया। जिसमें पोस्को अधिनियम की धारा 4 मेंं दोषी पाकर दुष्कर्म से संबंधित आइपीसी की धारा 376 में 10 साल का सश्रम का कारावास व 20 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया गया।

जबरन गर्भपात करवाने से संबंधित आइपीसी की धारा 313 में 10 साल का सश्रम कारावास व 20 हजार का जुर्माना लगाया। न्यायालय ने दोनों सजाएं साथ-साथ चलने और जुर्माने की 80 फीसद राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर एक-एक साल अतिरिक्त जेल में रहना होगा।

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