एड्स रोगी भी सामान्य जीवन जी सकता है
संवाद सहयोगी, किशनगंज : एचआइवी संक्रमण के कारण होने वाला रोग है। इस बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए ज
संवाद सहयोगी, किशनगंज : एचआइवी संक्रमण के कारण होने वाला रोग है। इस बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया जाना जरूरी है। इसलिए एक दिसंबर को पूरी दुनिया एड्स दिवस के रूप में मनाती है। इसका मुख्य मकसद लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के साथ बचाव के तरीके से भी अवगत करवाना है। यह जानकारी मंगलवार को सिविल सर्जन डा. श्रीनंदन ने दी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 2030 तक राज्य को पूरी तरह से एड्स से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बार विश्व एड्स दिवस का थीम वैश्विक एकजुटता है। इसका मतलब यह है कि सभी लोग एकजुट होकर एड्स के प्रति जागरूकता फैलाएं और बीमारी को जड़ से समाप्त करने में अपना सहयोग दें। हालांकि एड्स के प्रति लोगों के मन में कई तरह के भ्रम रहते हैं। जिसे दूर करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। लोगों में जितनी जागरूकता बढ़ेगी। इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने में उतनी मदद मिलेगी। कुछ लोग शर्म और समाज की वजह से भी एड्स जैसी बीमारी को छुपाते हैं। इस वजह से सही जांच और जागरूकता की कमी के कारण मौत तक हो जाती है। सरकारी अस्पतालों में एड्स की मुफ्त में जांच के साथ दवाएं भी दी जाती हैं। एड्स रोगी भी एक सामान्य जीवन जी सकता है। अगर समय से सही इलाज हो और मरीज नियमित रूप से दवा लें। जिस तरह से हाइपरटेंशन के मरीज एक गोली खाकर लंबी जिदगी जी सकते हैं। उसी तरह एड्स के मरीज भी दवा का सहारा लेकर सामान्य जीवन जी सकते हैं। इसलिए अगर किसी को एड्स के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल इलाज करवाएं। राज्य एड्स नियंत्रण समिति के प्रयासों से जिला में एड्स पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है। लेकिन इसकी चर्चा निरंतर होता रहना जरूरी है। सभी गर्भवती माता को नियमपूर्वक एड्स की जांच करानी चाहिए। जांच की यह सुविधा प्रखंड से लेकर जिला अस्पतालों तक नि:शुल्क उपलब्ध है।