बिना के बुकिंग ट्रेनों में जा रहे सामान
खगड़िया, संवाद सूत्र: ट्रेनों में बिना बुकिंग के समान ले जाने की परंपरा अघोषित नियम सी बन गई है। इससे
खगड़िया, संवाद सूत्र: ट्रेनों में बिना बुकिंग के समान ले जाने की परंपरा अघोषित नियम सी बन गई है। इससे रेलवे का करोड़ों का नुकसान हर साल हो रहा है। बुकिंग बाबू चुप रहते हैं तो यह टीटीई और रेल पुलिस की अवैध कमाई का जरिया बना हुआ है। इससे ट्रेनों में चलने वाले यात्री जहां परेशान होते हैं तो उनकी सुनने वाला कोई नहीं होता है। खासकर ट्रेन के शौचालयों में इस तरह के अवैध सामान ढोए जाते हैं। कभी-कभी यात्रियों को विरोध का भी सामना करना पड़ता है।
पटना से कटिहार तक यही स्थिति
खासकर पटना से कटिहार तक इस तरह की स्थिति बनी रहती है। पटना-सहरसा व समस्तीपुर-सहरसा के बीच चलने वाली ट्रेनों की भी इसी तरह की स्थिति होती है। हालात तो ऐसा है कि ट्रेनों की खिड़कियों पर कभी-कभी घास व साइकिल भी लटकाए जाते हैं।
क्या कहते हैं बुकिंग अधिकारी
स्थानीय एक बुकिंग अधिकारी का कहना है कि पार्सल कार्यालय में जो सामान लेकर आते हैं,उसकी बुकिंग तो होती ही है। मगर यह सत्य है कि ट्रेनों में बिना बुक कराए भी सामनों को ढोए जाते हैं। इस संदर्भ में सभी स्तरों पर जानकारी है, मगर वे अकेले क्या कर सकते हैं।