कोसी पेज- तारिक की कांग्रेस में इंट्री से पूर्णिया पर बढ़ा राजद का दावा

खास बातें- - पूर्णिया के सहारे सीमांचल में माय समीकरण साधने की जुगत में राजद - कांग्रेस का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 06:20 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 06:20 PM (IST)
कोसी पेज- तारिक की कांग्रेस में इंट्री से पूर्णिया पर बढ़ा राजद का दावा
कोसी पेज- तारिक की कांग्रेस में इंट्री से पूर्णिया पर बढ़ा राजद का दावा

खास बातें-

- पूर्णिया के सहारे सीमांचल में माय समीकरण साधने की जुगत में राजद

- कांग्रेस का कटिहार, किशनगंज के साथ पूर्णिया पर दावा बरकरार

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प्रकाश वत्स, जासं, कटिहार: आगामी लोस चुनाव को लेकर महागठबंधन में भी जमीनी तैयारी जोर पकड़ चुकी है। सीटों का गणित अंदरुनी तौर पर सुलझाने का लगातार प्रयास जारी है। इसी कड़ी में सीमांचल के चार सीटों यथा कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज को लेकर अंतिम निर्णय लेने का प्रयास तेज कर दिया गया है। फिलहाल सीमांचल की पूर्णिया सीट को लेकर राजद व कांग्रेस के बीच मामला फंसा हुआ है। पूर्णिया पर राजद अपनी दावेदारी बढ़ा दी है। यद्यपि कटिहार सीट को लेकर भी पार्टी के स्तर से आलाकमान पर लगातार दवाब बनाया जा रहा है, लेकिन पूर्णिया सीट को लेकर राजद नेतृत्व भी अब पूरी तरह गंभीर है और अंदरुनी तौर पर हर हाल में पूर्णिया सीट पार्टी के कोटे में लेने का निर्णय लिया है।

जानकारी के अनुसार गत चुनाव में राजद-कांग्रेस साथ चुनाव लड़ी थी। इसमें किशनगंज व पूर्णिया से कांग्रेस तो अररिया से राजद का प्रत्याशी मैदान में था। कटिहार में राकांपा के तारिक अनवर मैदान में थे और अंतत: भाजपा को शिकस्त देने के लिए तारिक को कांग्रेस व राजद ने अपना समर्थन दे दिया था। इस बार स्थिति थोड़ी उलट है। निवर्तमान सांसद तारिक अनवर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और इस लिहाज से उनका कटिहार से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ना तय भी माना जा रहा है। किशनगंज से कांग्रेस के असराउल हक सांसद हैं और वह सीट कांग्रेस का तय ही है। कटिहार का सीट कांग्रेस के कोटे में जाने से राजद के हिस्से फिलहाल अररिया ही है। ऐसे राजद अब पूर्णिया सीट पर अपनी दावेदारी बढ़ा दी है।

पूर्णिया के सहारे माय समीकरण साधने की भी तैयारी

पार्टी सूत्रों के अनुसार राजद का आधार वोट बैंक अब भी माय समीकरण पर केन्द्रित है। अररिया सीट से सरफराज आलम सांसद है और उनकी टिकट तय है। इधर कटिहार मेडिकल कालेज के निदेशक डा. असफाक करीम को भी पार्टी द्वारा राज्य सभा में भेजकर मुस्लिम वोट बैंक में एक बार फिर अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश की है। इस स्थिति में यादव समाज का भी पार्टी पर दवाब बढ़ा है। साथ ही सीमांचल में कम से कम एक सीट पर यादव समाज से प्रत्याशी देने की मांग बढ़ी है। इस अपेक्षा को पार्टी पूर्णिया सीट के सहारे पूरा करने की कोशिश में जुट गई है। वैसे इस पर अंतिम समय में कुछ और भी निर्णय लिए जा सकते हैं।

पूर्णिया प्रभारी नीरज पर भी दाव लगाने की चर्चा

पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन तमाम समीकरणों को साधने की मंशा से ही पूर्णिया में बरारी विधायक नीरज यादव को प्रभारी भी बनाया गया है। उन्हें लोस चुनाव को लेकर हर तैयारी को ढांचे पर लाने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इतना ही नहीं पार्टी के हर पुराने बिछड़े साथी को भी एकजुट करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। चर्चा यहां तक है कि नीरज यादव को पार्टी वहां मैदान में भी उतार सकती है। वैसे राजद की नजर पूर्णिया सीट को लेकर राजग में चली जिच पर भी है। राजग में कोई अप्रत्याशित घटनाक्रम होने पर राजद कुछ और भी निर्णय ले सकती है और पार्टी उम्मीदवार का चेहरा भी बदल सकती है।

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