वृक्षों को मिल रही सड़क के किनारे लगे होने की सजा

कैमूर । एक तरफ सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण को ले वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। वहीं

By Edited By: Publish:Thu, 30 Jun 2016 03:05 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jun 2016 03:05 AM (IST)
वृक्षों को मिल रही सड़क के किनारे लगे होने की सजा

कैमूर । एक तरफ सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण को ले वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ विद्युत आपूर्ति के लिए सड़क के किनारे गड़े पोल पर तार टांगने के लिए विद्युतीय करण कार्य में लगी कंपनी द्वारा पेड़ कटवाया जा रहा है। पेड़ों को सड़क के किनारे लगे होने की ही सजा मिल रही है। कैमूर जिला में विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित कराने के लिए पेड़ों की बली आम बात हो गई है। एक समय था जब जीटी रोड के दोनों तरफ हजारों पेड़ लगे थे। प्रधानमंत्री स्वर्णिम चर्तुभुज परियोजना के तहत जीटी रोड को फोर लेन बनाने के लिए इन हजारों पेड़ों की बली दी गई । तब सरकारी तौर पर व सड़क निर्माण कंपनी द्वारा जीटी रोड के बगल में नये पौधे लगाने की बात कही जा रही थी। करीब डेढ़ दशक का समय गुजर जाने के बाद भी सड़क के किनारे एक भी पौधे नहीं लगाये गये। सरकार व कंपनी के कथनी व करनी में समानता होती तो उस समय लगाये गये पौधे आज बड़े-बड़े पेड़ बन कर राहगीरों को शीतलता प्रदान करते। पर्यावरण संरक्षण में भी इन पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका होती। फोर लेन के बाद अब जीटी रोड को सिक्स लेन बनाने का काम अंतिम दौड़ में है। अभी तक कटे पेड़ों के बदले नये पौधे लगाने का कार्य कहीं नहीं शुरू हुआ। जिला मुख्यालय से रामगढ़ को जाने वाली सड़क के दोनों तरफ सैकड़ों पेड़ लगे हैं। अब इन पेड़ों के भी दुर्दिन आ चुके हैं। भभुआ से बारे गांव तक विद्युत आपूर्ति के लिए सड़क के किनारे पोल गाड़े गये हैं। जिस पर तार टांगने का काम शुरू हो चुका है। पेड़ों के बीच में पोल गाड़े गये हैं। जिन पर तार बिछाने के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है। स्वभाविक है कि 11 व 33 केवीए विद्युत प्रवाहित तार से जब हरे पेड़ों का संपर्क होगा तो विद्युत आपूर्ति बाधित होगी। ऐसा न हो इसके लिए पेड़ों को काटना ही पड़ेगा। यही स्थिति मोहनियां- रामगढ़ पथ पर देखने को मिल रही है। मोहनियां से चौरसिया विद्युत आपूर्ति गृह तक 33 केवीए लाइन पहुंचाने के लिए सड़क के बगल में ही लोहे के पोल गाड़े गये हैं। जिसमें अधिकतर पोल पेड़ों के बीच में हैं। पोल पर तार बिछाने के लिए इस पथ पर पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई हो रही है। ज्ञात हो कि दो दशक पूर्व मोहनियां से रामगढ़ तक 33 केवीए विद्युत आपूर्ति होती थी। इसके लिए सड़क से पश्चिम खेतों में पोल गाड़े गये थे। जब कर्मनाशा से कल्याणपुर फीडर होते हुए रामगढ़ विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था हुई तो पुरानी व्यवस्था पर ग्रहण लग गया। धीरे-धीरे चोर पोल पर टंगे तार को काट कर ले गये। पुन: पुरानी व्यवस्था को लागू करने के लिए मोहनियां से चौरसिया फीडर तक सड़क के किनारे पोल गाड़ कर 33 केवीए तार टांगा जा रहा है। इस व्यवस्था का सोचनीय पहलू यह है कि आम आदमी अगर सड़क के किनारे लगे पेड़ों को काट दे तो उसे तमाम कानूनी प्रक्रियाओं से जूझना होगा। निजी जमीन में भी लगे हरे पेड़ को काटना हो तो भू स्वामी को प्रशासनिक अनुमति लेनी होगी। लेकिन किसी विभाग द्वारा पेड़ों की अंधाधूंध कटाई की जा रही हो तो उसके लिए कोई कानून नहीं है। इस समस्या पर विद्युत विभाग का कोई भी पदाधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

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