आत्मा से परमात्मा के मिलन का माध्यम है श्रीमद्भागवत
प्रखंड में स्थित मां मुंडेश्वरी धाम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथा वाचक पुंडरीक शास्त्री ने श्रद्धालुओं को अपने प्रवचन से भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा आत्मा से परमात्मा के मिलन का माध्यम है।
प्रखंड में स्थित मां मुंडेश्वरी धाम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथा वाचक पुंडरीक शास्त्री ने श्रद्धालुओं को अपने प्रवचन से भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा आत्मा से परमात्मा के मिलन का माध्यम है। मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो अपने अंदर ईश्वरीय सामर्थ्य प्रकट करता है। उन्होंने अपने प्रवचन में भगवान श्रीकृष्ण जन्म की लीला का वर्णन किया। कहा कि राजा परीक्षीत से शुकदेव कहते हैं कि संसार का कल्याण करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने कारावास में वासुदेव के घर अवतार लेकर संतों व भक्तों का सम्मान बढ़ाया। अपने अंदर बुराई न रहे इसके लिए उन्होंने संतों को सत्संग का मार्ग बताया। भगवान श्री राम की मर्यादा और श्रीकृष्ण को तब समझोगे जब राम बनोगे। जब भक्ति मार्ग में भक्त लीन रहता है तब प्रभु का दर्शन होता है। यज्ञ में शामिल होने के लिए प्रखंड के कई गांवों के लोग मौजूद थे।