चांद में यूरिया के लिए किसानों के बीच मची हाहाकार

संवाद सूत्र, चांद: किसानों की आय दोगुनी करने में जुटी सरकार किसानों को समय पर यूरि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Sep 2018 05:14 PM (IST) Updated:Tue, 04 Sep 2018 05:14 PM (IST)
चांद में यूरिया के लिए किसानों के बीच मची हाहाकार
चांद में यूरिया के लिए किसानों के बीच मची हाहाकार

संवाद सूत्र, चांद: किसानों की आय दोगुनी करने में जुटी सरकार किसानों को समय पर यूरिया उपलब्ध नहीं करा पा रही है। चांद के किसानों में यूरिया के लिए हहाकार मचा हुआ है। कृषि विभाग किसानों को यूरिया उपलब्ध कराने में विफल साबित हो रहा है। प्रखंड कृषि विभाग में कोई पदाधिकारी नहीं होने से हालात खराब हो गया है। कृषि विभाग में किसानों की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। किसान यूरिया के लिए मारामारी कर रहे हैं। वहीं दुकानदार यूरिया की कालाबजारी करने में लगे हैं। दुकानदार यूरिया को उत्तर प्रदेश बेच दे रहे हैं। चांद प्रखंड में लगभग नौ हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई है। किसान खेतों से घास फूस की सोहनी कराकर खाद डालने के लिए बाजार एवं दुकानदारों के यहां चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन यूरिया नहीं मिल रहा है। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी ललिता प्रसाद ने बताया कि यूरिया का रैक लगने वाला है। उन्होंने कहा कि किसानों को हर हाल में यूरिया उपलब्ध कराई जाएगी। जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि कालाबजारी करने वाले दुकानदारों पर कारवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार प्रखंड में यूरिया रैक से आवंटन के अनुसार दुकानदारों को खाद मिला। लेकिन दुकानदार यूरिया किसानों को देने की बजाए कालाबजारी में लिप्त हो गए हैं। यूरिया की किल्लत से किसानों में आक्रोश है। किसान सरकार को कोस रहे हैं। किसान रामचंद्र ¨सह, सुनील कुमार, अर्जुन ¨सह कुशवाहा ने कहा कि दुकानदार यूरिया उत्तर प्रदेश बेच दें रहे हैं। किसानों ने बताया कि दुकानदारों के पास रविवार व सोमवार को ट्रक से यूरिया उतरते हुए देखा गया। लेकिन दुकानदार किसानों को नहीं दे रहे हैं। चांद बाजार में इफको खाद बाजार में यूरिया नहीं है। इफको के रैक नहीं लगने से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। किसानों का मानना है कि समय पर यूरिया नहीं मिलने से धान की फसल प्रभावित होगी। कृषि वैज्ञानिक अमित कुमार ने बताया कि धान की फसल के लिए यूरिया डालने का ठीक समय है। किसान यूरिया का छिड़काव इस समय करेंगे तो फसल के उत्पादन में वृद्धि होगी ।

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