कैमूर जिला गठन के बाद ट्रैफिक पुलिस की नहीं हुई व्यवस्था

कैमूर जिला का गठन 17 मार्च 1991 को हुआ। इसके बाद कैमूर जिला में विकास के कई कार्य हुए। प्रशासन व पुलिस के संसाधनों में भी वृद्धि हुई। लेकिन कैमूर जिला में अब तक ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं हो सकी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 05:13 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 05:09 AM (IST)
कैमूर जिला गठन के बाद ट्रैफिक पुलिस की नहीं हुई व्यवस्था
कैमूर जिला गठन के बाद ट्रैफिक पुलिस की नहीं हुई व्यवस्था

जागरण संवाददाता, भभुआ: कैमूर जिला का गठन 17 मार्च 1991 को हुआ। इसके बाद कैमूर जिला में विकास के कई कार्य हुए। प्रशासन व पुलिस के संसाधनों में भी वृद्धि हुई। लेकिन कैमूर जिला में अब तक ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं हो सकी। इसके चलते जिला मुख्यालय भभुआ नगर सहित सभी प्रखंडों में यातायात व्यवस्था लचर है। यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए स्थानीय पुलिस को ही लगना पड़ता है। लेकिन पुलिस जवानों की प्रतिनियुक्ति के बावजूद भी बहुत राहत नहीं मिल पाती। नगर की सड़कों पर हर तरह के वाहनों की संख्या काफी अधिक हो गई है। बाजार में लोगों की भीड़ भी अधिक होती है और फुटपाथी व ठेला दुकानदारों द्वारा सड़क का अतिक्रमण करना रोज की बात है। इसके अलावा भभुआ सहित सभी प्रखंडों में कहीं भी कोई संकेतक नहीं लगा है। जिसके चलते वाहनों का परिचालन चालक मनमाने तरीके से करते हैं। ऐसे में पुलिस जवानों को यातायात व्यवस्था संभालना बड़ी मुश्किल भरा काम हो जा रहा है। भभुआ नगर की ही बात करे तो एकता चौक, पटेल चौक, जय प्रकाश चौक सहित अन्य मुख्य स्थानों पर दिन में दो-तीन बार जाम लगना तय है। जिसे छुड़ाने में पुलिस जवानों को कुछ घंटा लग जाता है। इस जाम में कभी-कभी वरीय पदाधिकारियों के वाहन भी फंसते हैं। तब पुलिस जवान वाहन चालकों पर एक दो लाठी मार कर किसी तरह पदाधिकारी के वाहन को निकालने का प्रयास करते हैं। इस समस्या को वरीय पदाधिकारी भी जानते हैं। पूछने पर कहते भी हैं कि ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था के लिए राज्य मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। लेकिन अब तक यह मांग पूरी नहीं हो सकी। इसके चलते जिले में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ती जा रही है। इसके चलते सड़कों पर दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं।

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