लगा चेक पोस्ट तो बदल लिया बालू लोड ट्रकों ने रास्ता

संवाद सहयोगी जमुई बालू का अवैध उठाव सहित ओवर लोडिग पर रोक लगाने की प्रशासन की मंशा को बालू तस्कर चुनौती दे रहे हैं। प्रशासन ने खनिज चालान की जांच ओवर लोडिग और वाहन के कागजात की जांच को लेकर चेक पोस्ट लगाया तो बालू लदे वाहनों ने रास्ता ही बदल लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 05:56 PM (IST) Updated:Sun, 16 Jan 2022 05:56 PM (IST)
लगा चेक पोस्ट तो बदल लिया बालू लोड ट्रकों ने रास्ता
लगा चेक पोस्ट तो बदल लिया बालू लोड ट्रकों ने रास्ता

फोटो 16 जमुई- 3

-कटौना बायपास के समीप प्रशासन ने लगाया चेक पोस्ट

-चेक पोस्ट पर ओवर लोडिग सहित चालान होती जांच

-मलयपुर गुमटी होकर निकलने लगी बालू लदी ट्रकें

संवाद सहयोगी, जमुई : बालू का अवैध उठाव सहित ओवर लोडिग पर रोक लगाने की प्रशासन की मंशा को बालू तस्कर चुनौती दे रहे हैं। प्रशासन ने खनिज चालान की जांच, ओवर लोडिग और वाहन के कागजात की जांच को लेकर चेक पोस्ट लगाया तो बालू लदे वाहनों ने रास्ता ही बदल लिया। मलयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कटौना बायपास के समीप प्रशासन ने चेक पोस्ट स्थापित कर चौबीस घंटे निगरानी की व्यवस्था की। पुलिस पदाधिकारी सहित मैजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। बालू लोड हर वाहन की गहनता से जांच के बाद ही आगे जाने दिया जा रहा है। अब इससे बचने के लिए बालू लदे वाहनों ने दूसरा रास्ता अपना लिया है। किउल नदी से बालू लोड करने के बाद ट्रक मलयपुर बाजार होते हुए रेलवे गुमटी पार कर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहा है। इस मार्ग पर ना चेक पोस्ट है और ना ही जांच की कोई अन्य व्यवस्था। लिहाजा बालू ट्रक का परिचालन बिना रोकटोक जारी है। हालांकि ट्रक का परिचालन बढ़ने से मलयपुर बाजार में जाम की स्थिति उत्पन्न होने लगी है।

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चालान का भी खेल शुरू

जानकारों की माने तो चालान का भी खेल शुरू हो गया है। शनिवार को जांच के दौरान एक ट्रक चालक चेक पोस्ट पर खनिज चालान छोड़ कर ट्रक लेकर भाग निकला। पुलिस को चालान पर संदेह हो रहा था।

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लंबी दूरी दर्ज करा एक ही चालान पर लगाते तीन चक्कर

ट्रैक्टर चालक द्वारा गंतव्य स्थान में लंबी दूरी या दूसरे जिले का नाम दर्ज करा एक ही चालान पर दो-तीन चक्कर लगाया जा रहा है। दरअसल लंबी दूरी दर्ज होने से चालान की अवधि की वैधता बढ़ जाती है। लिहाजा, दो-तीन बार चक्कर लगाने का समय मिल जाता है। साथ ही संवेदक के कर्मी से मिलीभगत कर राजस्व की चोरी कर लेते हैं। दरअसल, दूसरी व तीसरी फेरी में चालान की निर्धारित कीमत घटाकर शेष पैसा ही लिया जाता है। हालांकि चेक पोस्ट पर पुलिस व दंडाधिकारी द्वारा चालान पर समय दर्ज कर हस्ताक्षर कर दिया जाता है। इससे चालकों की दूसरी और तीसरी फेरा लगाने की मंशा विफल हो जाती है। लिहाजा, इस प्रवृति के लोगों में हड़कंप मचा है और दूसरे रास्ते से वाहन रवाना कर रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन ऐसे प्रवृति के लोगों से कैसे निपटती है।

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