झाझा में अबतक 10 वार्ड पर गबन के आरोप में दर्ज हो चुका है मामला

सत्यम कुमार झाझा (जमुई)

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 05:50 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 05:50 PM (IST)
झाझा में अबतक 10 वार्ड पर गबन के आरोप में दर्ज हो चुका है मामला
झाझा में अबतक 10 वार्ड पर गबन के आरोप में दर्ज हो चुका है मामला

जमुई। मुख्यमंत्री नल जल योजना में अनियमितता बरतने व राशि गबन के आरोप में जिले का झाझा प्रखंड अव्वल बनता जा रहा है। आधा दर्जन से अधिक वार्ड सदस्य एवं सचिव सहित अन्य पर अभी तक राशि गबन का मामला दर्ज किया जा चुका है। बावजूद प्रखंड के कई वार्ड सदस्य एवं सचिव योजना के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे। दर्जनों योजना अभी भी अधर में लटकी है। अगर किसी वार्ड में कार्य हुआ भी तो गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगा है।

इन दिनों झाझा विकास में अव्वल न होकर गबन के मामले में अव्वल साबित हो रहा है। अब तक प्रखंड के पांच पंचायत के आधा दर्जन से अधिक वार्ड पर गबन के आरोप केस दर्ज किया गया है। जिसमें महापुर के तीन, रजलाकला के एक, बलियाडीह के तीन, कानन के दो एवं हथिया के एक वार्ड के विरुद्ध अभी तक मामला दर्ज किया जा चुका है।

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केस स्टेडी-1

बलियाडीह पंचायत के वार्ड संख्या 10 में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के बैंक खाते में मुखिया एवं पंचायत सेवक द्वारा योजना की प्राक्कलन राशि 10,65,100 रुपये को कई भाग में बांटा गया। पंचायत में राशि की उपलब्धता की स्थिति में एकमुश्त राशि वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में हस्ताक्षरित करने का प्रावधान है। यहां मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा राशि का हस्तांतरण दो बार में किया गया। जो गलत मंशा एवं निजी लाभ के लिए उठाया गया कदम बताया गया है। वार्ड अध्यक्ष एवं सचिव ने राशि को कृष्ण मुरारी इंटरप्राईजेज को एग्रीमेंट के रूप में 5,32,550 रुपये एवं प्रदीप कुमार को एक लाख रुपये दिया गया। योजना का स्टेजिग, पाइप लाइन, पाइप की गहराई आदि में व्यापक गड़बड़ी की गई है। योजना की निगरानी मुखिया एवं तत्कालीन पंचायत सचिव एवं कनीय अभियंता नवीन कुमार द्वारा किया जाना था जो नहीं हुआ।

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केस स्टेडी-2

बलियाडीह पंचायत के वार्ड संख्या 12 में मुखिया एवं पंचायत सेवक द्वारा दिए गए राशि को क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति ने कृष्ण मुरारी इंटरप्राइजेज को तथा पीके इंटरप्राइजेज को दे दिया, जबकि इस योजना में अग्रिम भुगतान लेना एवं देना दंडनीय एवं प्रतिबंधित है। साथ ही अवधि में किसी एजेंसी से कार्य कराना भी प्रतिबंधित था। बोरिग एवं टंकी स्थापन के बीच लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पाई गई। स्टेजिग में बड़े पैमाने पर अनियमितता पाई गई। जिसके कारण योजना का लाभ संबंधित वार्ड के आमजन को लगातार नहीं मिल रहा है। इस योजना में कनीय अभियंता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन तत्कालीन कनीय अभियंता नवीन कुमार द्वारा इस योजना का तकनीकी अनुश्रवण भी नहीं किया गया, जो इसकी लापरवाही एवं गलत मंशा को दर्शाता है। साथ ही मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा किसी भी प्रकार का अनुश्रवण नहीं किया गया।

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केस स्टेडी-3

बलियाडीह पंचायत के वार्ड संख्या 14 में मुखिया द्वारा दो किस्त में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में राशि दी गई। राशि की उपलब्धता की स्थिति में ग्राम पंचायत द्वारा वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को एक मुस्त राशि स्थानांतरित किया जाना था। इस राशि से 8 जून 2018 को 4,98,900 रुपये कृष्ण मुरारी इंटरप्राइजेज को दिया गया। बोरिग, स्ट्रक्चर एवं टंकी का जो कार्य किया गया वह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मिला एवं कार्य में व्यापक रूप से गड़बड़ी पाई गई है।

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केस स्टेडी-4

रजलाकला पंचायत के वार्ड 3 के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं अग्रिम राशि पाने वाले मु. नेसार, सकलदेव यादव, मु. अजहरूद्दीन अंसारी, अस्की डिजिट्रिनिक प्राइवेट लिमिटेड पर मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों पर भी राशि गबन का मामला दर्ज है। लाखों रुपये का घालमाल इन लोगों द्वारा किया गया है।

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केस स्टेडी-5

महापुर पंचायत के वार्ड 3 एवं 4 के वार्ड सदस्य एवं सचिव के अलावा मां दुर्गा इंटरप्राइजेज, वर्षा कुमारी, श्री विंध्यानव बोरबेल, लक्ष्मी इंटरप्राइजेज एवं अन्य पर लाखों रुपये का गबन का मामला दर्ज किया गया है। जिसमें कुछ कार्य भी हुए है, परंतु जांच के दौरान किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं पाया गया।

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केस स्टेडी-6

कानन पंचायत के वार्ड दो एवं 3 में लाखों रुपये गबन के मामले में वार्ड क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं श्रीकृष्ण इंटरप्राइजेज आदि के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।

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