जमुई एसपी के पिता डा. मेजर जेएन सिंह ने नक्सली इलाके की टटोली नब्ज, किया 100 से ज्यादा मरीजों का इलाज

जमुई एसपी के पिता रिटायर्ड मेजर डा. जेएन सिंह जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में लगाए गए चिकित्सा शिविर पहुंचे। यहां उन्होंने सिर्फ फोटो नहीं खिंचवाई। अपना पूरा दिन लोगों को समर्पित करते हुए 100 से ज्यादा मरीजों की नब्ज देखी और उनका इलाज किया।

By Sanjay Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Nov 2022 08:27 PM (IST) Updated:Fri, 25 Nov 2022 08:27 PM (IST)
जमुई एसपी के पिता डा. मेजर जेएन सिंह ने नक्सली इलाके की टटोली नब्ज, किया 100 से ज्यादा मरीजों का इलाज
मरीजों को दवा देते जमुई एसपी के पिता डॉ. मेजर जेएन सिंह।

संवाद सहयोगी, जमुई : सेवा भाव कहें या फिर नक्सल प्रभावित इलाके की हकीकत जानने की कोशिश, एसपी के सेवानिवृत्त पिता डा. मेजर जेएन सिंह मरीजों की नब्ज टटोलने, नक्सल प्रभावित इलाके में लगे चिकित्सा सेवा शिविर में पहुंच गए। यहां उन्होंने महज फोटो खिंचवाने के लिए आला नहीं लगाया बल्कि लगभग शिविर में आए लगभग एक सौ लोगों का चिकित्सीय परीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्या को कोट करते हुए बताया कि जागरूकता की कमी के कारण ढेर सारी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि इलाके में मोतियाबिंद की बड़ी समस्या है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ समुचित इलाज की आवश्यकता है। उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों की शिविर लगाकर आपरेशन कराने की अपील की। चिकित्सा शिविर में आने से संबंधित सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे अपने पुत्र के पास आए हुए थे। इस बीच सुदूर इलाके में शिविर लगने की जानकारी पाकर वे खुद को रोक नहीं सके। यहां आकर उन्हें काफी अच्छा लगा। - लगा था जुड़पनिया में चिकित्सा सेवा शिविर - मेजर डा. जेएन सिंह को शिविर में खींच लाया सेवा भाव

मेजर ने आगे बताया कि नक्सल प्रभावित इलाका के लोग सीधे-साधे हैं। इन लोगों में जागरूकता का अभाव इनकी समस्याओं का मूल कारण है। शिविर में अन्य चिकित्सकों के साथ एसपी डा शौर्य सुमन ने भी कुछेक लोगों का चिकित्सीय परीक्षण किया तथा लोगों से नजदीक के सरकारी अस्पतालों में जाकर चिकित्सीय परीक्षण कराते रहने की अपील की।

बता दें कि नक्सल प्रभावित इलाकों में कई कैंपेन चलाए जा रहे हैं। बीते कुछ महीनों में कई नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष सरेंदर भी किया है। उक्त पहल के द्वारा सकारात्मक संदेश नक्सलियों के बीच जाएगा, ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा। वो दिन दूर नहीं जब बिहार का जमुई जिला नक्सल मुक्त घोषित होगा।

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