अधिकार वापसी को ले प्रमुख संघ का धरना

जमुई। राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत सोमवार को जिला प्रमुख, उपप्रमुख व पंचायत समिति संघ की ओर से समाहरणालय के समक्ष धरना दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Mar 2017 03:03 AM (IST) Updated:Tue, 21 Mar 2017 03:03 AM (IST)
अधिकार वापसी को ले प्रमुख संघ का धरना
अधिकार वापसी को ले प्रमुख संघ का धरना

जमुई। राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत सोमवार को जिला प्रमुख, उपप्रमुख व पंचायत समिति संघ की ओर से समाहरणालय के समक्ष धरना दिया गया। धरना के माध्यम से सभी अपने छीने गए अधिकार की वापसी की मांग कर रहे थे। धरना की समाप्ति के पश्चात अधिकार वापसी के साथ 14 सूत्री मांगों से संबंधित एक ज्ञापन प्रभारी जिलाधिकारी सह उपविकास आयुक्त सतीश कुमार शर्मा को सौंपा।

धरना को संबोधित करते हुए प्रमुख संघ के अध्यक्ष शंभू कुमार केशरी ने कहा कि संविधान के अनुसार 40 के अधीन पंचायत की संकल्पना है। संविधान के 73वें संशोधन के माध्यम से ग्राम स्वराज को मजबूती प्रदान करने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत राज का गठन का अधिकार राज्यों को दिया गया है और इसे शक्तियां प्रदान की गई परंतु राज्य सरकार ने पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 1742 और 59 लाया है जो पूरी तरह कमजोर है जिसे दुरुस्त करने की जरूरत है। उपाध्यक्ष गायत्री गौरव ने प्रमुख और पंचायत समिति सदस्यों को अधिकार वापस करने की मांग की। महासचिव रानी देवी और सचिव जलधर कुमार ने कहा कि प्रमुख प्रखंड पंचायत समिति का अध्यक्ष होता है परंतु शक्तियों के अभाव में दूसरों पर आश्रित होना पड़ता है। बरहट के प्रमुख रुवेन कुमार ¨सह ने कहा कि प्रमुख को शक्तियां मिले बिना प्रखंड का विकास सही तरीके से नहीं हो सकता है। शक्तियों के अभाव में प्रमुख असहाय होता है और छोटे-बड़े कर्मचारियों पर प्रमुख को निर्भर रहना पड़ता है। धरना की समाप्ति के बाद दर्जन भर प्रमुख, उपप्रमुख और पंचायत समिति सदस्यों ने अपने मांगों के संबंध में ज्ञापन उपविकास आयुक्त को सौंपा। मौके पर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व सचिव के अलावा पवन ¨सह रावत, बरहट उपप्रमुख सुरेन्द्र तांती, खैरा प्रमुख रेणु देवी, फूल कुमारी, ¨चता देवी, अफसाना खातून, ¨पकी देवी सहित कई दर्जन प्रमुख, उपप्रमुख और पंचायत समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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