शराबबंदी ने लौटाई लोगों की जिंदगी में खुशहाली

- संवाद सहयोगी, जमुई। बिहार सरकार द्वारा बीते 5 अप्रैल को पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के साथ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Mar 2017 05:37 PM (IST) Updated:Tue, 28 Mar 2017 05:37 PM (IST)
शराबबंदी ने लौटाई लोगों की जिंदगी में खुशहाली
शराबबंदी ने लौटाई लोगों की जिंदगी में खुशहाली

- संवाद सहयोगी, जमुई। बिहार सरकार द्वारा बीते 5 अप्रैल को पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के साथ ही उन घरों में खुशहाली आ गई जिन घरों में शराब का प्रतिदिन सेवन किया जाता था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ऐतिहासिक निर्णय का महिलाओं ने खुलकर समर्थन किया। वर्ष भर बीत जाने के बाद शराबबंदी शत-प्रतिशत तो लागू नहीं हो पा रही है जिसका प्रमाण आए दिन शराब के साथ गिरफ्तारी है।

हालांकि महिलाओं द्वारा शराबबंदी के लिए आंदोलन जमुई जिले में कई वर्षों से किया जा रहा है। सबसे पहले जमुई में महिला ब्रिगेड से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं ने शराबबंदी के लिए कड़ा आंदोलन किया। धरना-प्रदर्शन के साथ-साथ जागरुकता अभियान चलाया जिसका प्रतिफल है कि सरकार ने भी महिलाओं की इस आवाज को सोचा-समझा और शराबबंदी का निर्णय लिया। राष्ट्रीय स्तर की स्वयंसेवी संस्था महिला सामख्या ने अतिनक्सल प्रभावित इलाके सोनो के चार पंचायतों में पूर्ण शराबबंदी करने के लिए तीन वर्ष पूर्व जागरुकता अभियान चलाया। बाद में महिलाओं की जत्था के साथ दर्जनों शराब की भट्ठयिों को ध्वस्त किया गया।

शराबबंदी के मामले में महिलाएं जागरुक हुईं और खुलकर सामने आई। अवैध शराब भट्ठी को लेकर महिला सामख्या समूह की महिलाओं ने सोनो थाने में आधा दर्जन शिकायत भी दर्ज कराई तो कई उजड़े घर को बसाया। फिलहाल शराबबंदी कानून लागू होने के बाद चोरी-छिपे तरीके से शराब बेचे जाने के कारण चंद लोगों को शराब मुहैया हो पा रहा है जिससे उन महिलाओं को आज भी परेशानी हो रही है जिनके घर तक आज शराब पहुंच रहा है। अवैध धंधेबाजों के कारण शराबबंदी कानून लागू होने में महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब तक जमुई जिले में वर्ष भर के अंदर 210 से अधिक छापेमारी कर बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई है। दर्जनों लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पूर्ण शराबबंदी की इस पहल से जमुई जिले की महिलाएं सबल हुई हैं और उनके घरों में खुशहाली लौटी है।

chat bot
आपका साथी