बालू के ट्रक ने लोगों का जीना किया मुहाल
संवाद सहयोगी, जमुई : सतगामा से किऊल नदी तक जाने वाली सड़क पर अब आम जनता नहीं चलती। दरअसल प्रतिदिन बाल
संवाद सहयोगी, जमुई : सतगामा से किऊल नदी तक जाने वाली सड़क पर अब आम जनता नहीं चलती। दरअसल प्रतिदिन बालू से लदे सौ ट्रक इस मार्ग से होकर बड़े शहरों की ओर जाती है जिससे सड़क की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। अगर बारिश हो जाए तो फिर वाहनों की बात तो बात दूर, नंगे पांव चलना भी मुख्य सड़क पर मुश्किल हो जाएगा। हालांकि बात यहीं खत्म नहीं होती। बारिश के दिन बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते। कहने को वह इलाका जमुई नगर परिषद का वार्ड नंबर-5 का कहलाता है। लेकिन स्थिति ऐसी है कि मुहल्ले में वाहन या मोटरसाइकिल तो दूर पैदल पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। मिट्टी के इस सड़क पर ओवरलोड बालू के ट्रक चलने से सड़क की स्थिति बदतर हो गई है। सड़क की मिट्टी उठकर किनारे लग गई है और सड़क पर ढाई फीट तक कीचड़ भर गया है। शाम होने से पहले लोग अपने घर पहुंच जाते हैं क्योंकि रात के अंधेरे में घर पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। कहीं लोग कीचड़ में गिरकर घायल न हो जाएं यही स्थिति बनी हुई है। मिट्टी के सड़क की बात तो दूर ट्रकों के चक्के के साथ आने वाला कीचड़ मुख्य सड़क को भी कीचड़नुमा बना दिया है। थोड़ी सी धूप होते ही सड़कों पर वाहन गुजरने से धूल ही धूल नजर आता है। ऐसे में दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। स्थानीय निवासी जितेन्द्र कुमार बताते हैं कि अब बाइक दूसरे जगह छोड़कर पैदल घर आना पड़ता है क्योंकि घर तक बाइक जाने का भी रास्ता नहीं बचा है।
इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुभाष कुमार ने कहा कि इस संबंध में किसी ने अभी तक आवेदन नहीं दिया है फिर भी जानकारी मिली है और सड़क को चलने लायक बनाने के लिए जो होगा किया जाएगा।