बालश्रम पर कार्य करने वाले को मिला नोबेल पुरस्कार : डीएम

संवाद सहयोगी, जमुई : बाल संरक्षण इकाई एवं ममता हेल्थ इंस्टीच्यूट के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार क

By Edited By: Publish:Fri, 27 Mar 2015 06:54 PM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2015 06:54 PM (IST)
बालश्रम पर कार्य करने वाले को मिला नोबेल पुरस्कार : डीएम

संवाद सहयोगी, जमुई : बाल संरक्षण इकाई एवं ममता हेल्थ इंस्टीच्यूट के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को समाहरणालय के संवादकक्ष में बाल सरंक्षण पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में बाल विवाह, बाल अधिकार आदि पर चर्चा हुई।

इस मौके पर जिलाधिकारी शशिकांत तिवारी ने कहा कि नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले कैलाश सत्यार्थी को यह पुरस्कार बाल श्रम उन्मूलन पर कार्य करने के लिए दिया गया है। यह उदाहरण जिलाधिकारी ने इसलिए दिया ताकि हर लोग बालश्रम उन्मूलन के प्रति जागरुक होकर कार्य करे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मैरेज रजिस्ट्रेशन एक्ट लागू जिसके तहत यदि बाल विवाह किया जाता है तो संबंधित समस्या स्वत: समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति, शिक्षा ऋण, पोशाक योजना से जोड़कर बालश्रम एवं बाल विवाह की कुरीतियों को समाप्त किया जा सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा एवं सिविल सर्जन राम प्रताप सिंह के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि बालश्रमिक, अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को समुचित शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की ओर हमलोग अग्रसर हैं। पुलिस उपाधीक्षक रामनाथ तिवारी ने कहा कि मानव व्यापार को रोकने के लिए अंतर विभागीय समन्वय का होना आवश्यक है। श्रम अधीक्षक ने कहा कि हमें बच्चों के बचपन को समझना चाहिए तभी बालश्रम का उन्मूलन होगा।

बाल संरक्षण को ले एक दिवसीय बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक प्यारे मांझी ने कहा कि अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने हेतु परवरिश योजना सरकार द्वारा संचालित है। सेमिनार में सभी बीडीओ, थानाध्यक्ष, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सीडीपीओ आदि मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी