ड्यूटी के बावजूद छठ घाट पर नहीं पहुंचे मजिस्ट्रेट

संवाद सूत्र, सिमुलतला(जमुई): छठ पर्व को लेकर सिमुलतला क्षेत्र में चार मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति सि

By Edited By: Publish:Thu, 30 Oct 2014 05:44 PM (IST) Updated:Thu, 30 Oct 2014 05:44 PM (IST)
ड्यूटी के बावजूद छठ घाट पर नहीं पहुंचे मजिस्ट्रेट

संवाद सूत्र, सिमुलतला(जमुई): छठ पर्व को लेकर सिमुलतला क्षेत्र में चार मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति के सिवाय कुछ और नहीं। जबकि सिमुलतला रेलवे तालाब को जिला प्रशासन के द्वारा खतरनाक घाट नियुक्ति किया गया था। इसके बावजूद भी कोई मजिस्ट्रेट सिमुलतला में जिला प्रशासन के द्वारा नियुक्ति के आदेश के बावजूद नहीं आना जिला प्रशासन के आदेश को ठेंगा दिखाने जैसा है। इस बात की पुष्टि खुद सिमुलतला प्रभारी थानाध्यक्ष अरविन्द श्रीवास्तव ने जागरण से गुरूवार को किया। प्रभारी थानाध्यक्ष श्रीवास्तव ने बताया कि सिमुलतला में अंचलाधिकारी झाझा मुन्ना प्रसाद सिंह, टेलवा बाजार में अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल झाझा मो. नसीममुद्दीन, लीलावरण में प्रखंड संख्यिकी पदाधिकारी झाझा राम प्रवेश कुमार, असहना में प्रखंड पंचायतीराज पदाधिकारी झाझा सतीश मेहरा को बतौर मजिस्ट्रेट नियुक्ति का पत्र है। लेकिन किसी ने सिमुलतला थाना में आने की सूचना नहीं उपलब्ध कराया है। हालाकि सिमुलतला रेलवे तालाब को खतरनाक घाट प्रशासन द्वारा घोषित करने के कारण प्रशासन के द्वारा घाट में आगे खतरा है को निर्देशित करता चिन्ह लाल कपड़ा रस्सी के घेरे में बास-बल्ला के सहयोग से लगाया गया था। इसके अलावा चार हवा भरा ट्यूब भी किसी भी खतरा से निपटने के लिए हल्का कर्मचारी अवध किशोर पासवान के द्वारा घाट में उपलब्ध कराया गया था। लेकिन जब श्री पासवान से मजिस्ट्रेट साहब कहा है का प्रश्न किया गया तो वे चुप रह कर वास्तविकता को बया किया। शुक्र है कि सिमुलतला रेलवे तालाब घाट में जेनेरेटर के घूम रहे घिरनी के चपेट में आने से एक पाच वर्षिय बच्ची गंभीर रूप से घायल होने के सिवाय कोई बड़ी घटना नहीं घटी। अगर प्रशासन ने जिस प्रकार सिमुलतला तालाब को खतरनाक घाट घोषित कर रखा था और कोई बड़ी घटना घट जाती तो इसका जवाब कौन देता।

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