10 रुपये का समोसा और 8 रुपये की चाय, लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को खर्च दिखाने के लिए करना होगा ये जरूरी काम

Bihar Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों के प्रचार अभियान में खर्च करने की सीमा तय कर दी है। प्रत्याशी 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। इसके साथ ही आयोग ने कहा है कि प्रत्याशियों को अपने खर्च का ब्यौरा रखने के लिए कुछ जरूरी काम भी करने होंगे। खर्च का समय-समय पर आकलन भी किया जाएगा।

By shiv kumar mishra Edited By: Yogesh Sahu Publish:Thu, 28 Mar 2024 07:10 PM (IST) Updated:Thu, 28 Mar 2024 07:10 PM (IST)
10 रुपये का समोसा और 8 रुपये की चाय, लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को खर्च दिखाने के लिए करना होगा ये जरूरी काम
10 का समोसा और 8 रुपये की चाय, चुनाव में प्रत्याशियों को खर्च के लिए करना होगा ये जरूरी काम

जागरण संवाददाता, अरवल। Bihar Politics : चुनाव आयोग ने लोकसभा में उम्मीदवारों द्वारा कार्यकर्ताओं को खिलाने पिलाने में खर्च होने वाली सामग्री का दाम तय कर दिया है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए प्रचार के दौरान परोसी जाने वाली जलेबी 140 रुपये किलो, एक चाय आठ रुपये तो मिठाई 200 रुपये प्रति किलो कीमत तय की गई है।

चुनाव आयोग के स्तर पर तय दर के अनुसार ही प्रत्याशियों को खर्च दिखाना होगा। आयोग द्वारा जारी नियमों के अनुसार सैंडविच की कीमत 15 रुपये तय की गई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यालय के लिए पांच हजार रुपये मासिक किराया तो शहर में 10 हजार रुपये निर्धारित किया गया है। एक समोसा की कीमत 10 रुपये तय है।

उम्मीदवार को पूरे चुनाव के दौरान 95 लाख रुपये खर्च करने की सीमा तय है। नियम के अनुसार हर उम्मीदवार को नामांकन कराने के साथ ही एक डायरी में रोजाना के चुनावी खर्च का हिसाब रखना होगा।

मतगणना से लेकर चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक खर्च का लेखा-जोखा रहेगा। जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए व्यय कोषांग को उम्मीदवार को खर्च की विवरणी भेजकर कर ओके रिपोर्ट लेनी होगी।

20 हजार से ज्यादा राशि का भुगतान चेक से

मतदाताओं की संख्या के आधार पर अधिकतम खर्च की सीमा तय की है। चुनाव आयोग के नियम के अनुसार हर उम्मीदवार को चुनावी खर्च के लिए एक अकाउंट रखना होता है।

चुनाव में होने वाला हर खर्च इसी अकाउंट से होता है। 20 हजार से ज्यादा राशि का भुगतान चेक के जरिए करना होगा।

आचार संहिता लागू होने के कारण उम्मीदवार या पार्टी के अन्य कार्यकर्ता अपने साथ 50 हजार से ज्यादा राशि नकद में नहीं रख सकता है। साथ ही, वे अपने वाहन में 10 हजार से ज्यादा कीमत का सामान भी नहीं रख सकते हैं।

व्यय कोषांग का गठन

राजनीतिक दल के उम्मीदवारों द्वारा चुनाव पर किए जाने वाले खर्च का आकलन सही से करने के लिए प्रत्याशी व्यय कोषांग को अहम जिम्मेवारी भी दी गई है।

चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के व्यय पंजी की प्रत्येक तीन दिनों के अंतराल पर जांच होगी। प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे चुनाव खर्च की अपडेट विवरणी तैयार कर उसे व्यय प्रेक्षक को समय-समय पर अवलोकन के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा।

व्यय पंजी में दर्ज विवरणी का सत्यापन भी होगा। व्यय कोषांग का यह भी दायित्व तय किया गया है कि व्यय विवरणी की जांच के लिए प्रत्याशियों, एजेंट को समय, स्थान व तिथि की सूचना देंगे।

प्रत्येक विधानसभा के लिए हैं जांच दल

लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा में पदाधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति होगी। यह टीम अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक दलों अभ्यर्थियों अथवा अन्य लोगों द्वारा चुनाव प्रचार से संबंधित सभी व्यय का साक्ष्य प्राप्त करने के लिए वीडियोग्राफी करवाएगी। वाहन, चुनाव प्रचार कार्यक्रम, पोस्टर, कट आउट, पंडाल और अन्य खर्च की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।

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