उमस भरी गर्मी से जिलेवासी हलकान

जहानाबाद। अब लोगों के जुबान से बस एक ही शब्द निकल रहा है कि उफ ऐसी गर्मी कभी नहीं देखी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 May 2018 11:32 PM (IST) Updated:Sun, 27 May 2018 11:32 PM (IST)
उमस भरी गर्मी से जिलेवासी हलकान
उमस भरी गर्मी से जिलेवासी हलकान

जहानाबाद। अब लोगों के जुबान से बस एक ही शब्द निकल रहा है कि उफ ऐसी गर्मी कभी नहीं देखी..। इधर कुछ दिनों से सूर्य देवता की प्रचंड चमक लोगों को इस कदर हलकान कर दिया है कि लोग अब त्राहिमाम कर रहे हैं। सुबह होते ही गर्मी से परेशानी शुरू हो जाती है तो दिन चढ़ने के साथ लोगों को जीना मुश्किल कर देता है। इस प्रचंड गर्मी के कारण पशु-पक्षी भी परेशान दिख रहे हैं। मनुष्य तो विज्ञान के आधुनिक संसाधनों के बल पर गर्मी से बचने के लिए अपने घरों में एसी, कुलर, फ्रिज जैसे उपकरण की व्यवस्था कर रखी है। लेकिन उस निरीह प¨रदे का क्या जो खुले आसमान को ही अपना बसेरा मानता है। प¨रदे इस मौसम के कारण इस कदर परेशान हैं कि घोसले में दूबकने के अलावा उसके सामने और कोई चारा नहीं रह गया है। लेकिन इन प¨रदों के सामने भोजन और पानी जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए घर से बाहर निकलने की मजबूरी है। भोजन तो किसी तरह उपलब्ध हो जा रहा है लेकिन गर्मी के कारण सुख चुके जलस्त्रोतों के कारण पेयजल की समस्या बनी हुई है। जहां कहीं भी पानी मिलता है वह उसमें अपनी शरीर को ठंडा करने के उद्?देश्य से डूबकी लगाने से बाज नहीं आता है। गर्मी के मौसम ने लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदलकर रख दी है। दोपहर में बाजारों में सामानों की खरीददारी तथा अन्य कार्यों से दूर ही रहना लोग बेहतर समझ रहे हैं। हालांकि सुबह में सभी दुकानें भी नहीं खुली मिलती है। जिसके कारण लोगों को सामानों की खरीददारी के लिए शाम का इंतजार होता है। शाम में ही बाजारों में रौनक देखने को मिलती है। दिन में तो बाजारों में इस कदर सन्नाटा रहता है कि जैसे आसपास का इलाका विरान हो। दुकानदार बताते हैं कि इस गर्मी के कारण व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। पहले जहां पूरे दिन ग्राहकों की भीड़भाड़ लगी रहती थी वहीं अब शाम में ही ग्राहक जुटते हैं। ग्रामीण इलाके से आने वाले ग्राहकों की संख्या भी काफी कम हो गई है। पहले जहां हर छोटे-बड़े सामानों की खरीददारी के लिए ग्रामीण इलाके से भी लोग जिला मुख्यालय पहुंच जाते थे। लेकिन प्रचंड गर्मी के कारण वे लोग निकटवर्ती बाजारों में ही खरीददारी करना बेहतर समझ रहे हैं।

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