अब किसानों पर मौसम की मार, सब्जी की खेती भी प्रभावित

संवाद सूत्र पंचदेवरी (गोपालगंज) रबी फसल बोआई के समय डीएपी व वर्तमान समय में यूरिया की किल्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 12:13 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 12:13 AM (IST)
अब किसानों पर मौसम की मार, सब्जी की खेती भी प्रभावित
अब किसानों पर मौसम की मार, सब्जी की खेती भी प्रभावित

संवाद सूत्र, पंचदेवरी (गोपालगंज) : रबी फसल बोआई के समय डीएपी व वर्तमान समय में यूरिया की किल्लत की मार झेल रहे किसानों के समक्ष मौसम भी आफत बनकर आयी है। अब किसानों को प्रकृति की मार झेलनी पड़ रही है। मौसम के हाथों छले जा रहे किसान परेशान हैं। पिछले कई दिनों से बढ़ी ठंड व रुक-रुक हो रही बारिश से खेतों में लगी सब्जियों की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है। ठंड की चपेट में आने से आलू की फसल झुलसा रोग की चपेट में आने लगी है। वहीं सरसों तथा प्याज की खेती पर भी ठंड का असर दिखने लगा है। ठंड की असर से सब्जी की फसल पर भी काफी खराब असर पड़ा है। सब्जी उत्पादक किसानों की मानें तो ठंड की मार से गोभी में बन रहे फूल व पत्तियां भी झुलसने लगी हैं। किसानों का कहना है कि पिछले चार-पांच दिनों से मौसम के बदले मिजाज से सब्जियों की फसल पर ठंड की मार पड़ने लगी है। ठंड का सबसे अधिक असर आलू तथा प्याज पर पड़ा है। आलू की फसल झुलसा रोग की चपेट में तेजी से आ रही है। अत्यधिक ठंड व धूप नहीं निकलने के कारण तेलहन फसल की पत्तियां पीली पड़ने लगी है। जिससे पौधे का विकास रुक गया है।

70 हेक्टेयर में हुई आलू की खेती

पंचदेवरी (गोपालगंज) : कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचदेवरी में 70 हेक्टेयर में आलू की खेती होती है। पंचदेवरी प्रखंड के नेहरूआ कला, नटवां, कपुरी, सिकटियां, कोइसा, भृंगीचक, खालगांव सहित दर्जनों गावो में किसान आलू की व्यावसायिक खेती करते हैं। किसानों को इससे अच्छी आमदनी होती है। किसान हरेश चन्द्र, ललन प्रसाद, रामायन भगत , नारायण प्रसाद,धर्मदेव सिंह, रामचन्द्र प्रसाद बताते हैं कि एक ही खेत में किसान तीन-तीन बार आलू की खेती करते हैं। इस बार किसान अत्यधिक बारिश के कारण आलू की अगता फसल लगाने से वंचित रह गए।

कैसे करें ठंड से सब्जी का बचाव

पंचदेवरी (गोपालगंज) : कृषि विशेषज्ञ बजरंग कुमार सिंह ने बताया कि ठंड के प्रकोप से सब्जी की फसल को बचाने के लिए किसान आलू, टमाटर और प्याज की नर्सरी व खेतों के आसपास चारों ओर धुआं करें। चार-पांच दिनों के अंतर पर शाम के समय थोड़ा सा पटवन अवश्य करें। रिडोमिल नामक पाउडर एक लीटर पानी में दो ग्राम दवा मिलाकर छिड़काव करें या फिर डाईथेम एम 45 नामक दवा के छिड़काव से पाला या झुलसा के प्रकोप से फसल को बचाया जा सकता है।

4600 हेक्टेयर में हुई रबी की खेती

पंचदेवरी (गोपालगंज) : बीएओ राज कुमार ने बताया कि पंचदेवरी में 4600 हेक्टेयर में रबी की खेती होती है। इसमें तिलहन में सरसों 146 हेक्टेयर, तीसी 43 हेक्टेयर, सूर्यमुखी तीन हेक्टेयर, दलहन फसलों में खेसारी 21 हेक्टेयर, चना 20 हेक्टेयर, मटर 365 हेक्टेयर, मसूर 21 हेक्टेयर, राजमा 04 हेक्टेयर, जौ 19 हेक्टेयर, मटर 44 हेक्टेयर, आलू 70 हेक्टेयर, गेहूं 3730 हेक्टेयर तथा मक्के की खेती 536 हेक्टेयर में हुई है।

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