चमक देखकर नहीं, परख कर खरीदें मिठाइयां

दीपावली को देखते हुए अब लोगों का रुख बाजारों की ओर है। इलेक्ट्रॉनिक्स सामान से लेकर मिठाई व अन्य सामान की खरीद को लेकर लोगों में उत्साह दिखने लगा है। लेकिन यहां मिलावट का कारोबार करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। त्योहारों के मौके पर मिलावटी मिठाइयों का कारोबार होने की संभावना को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को सचेत रहने की भी जरूरत है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Oct 2018 09:17 PM (IST) Updated:Wed, 31 Oct 2018 09:17 PM (IST)
चमक देखकर नहीं, परख कर खरीदें मिठाइयां
चमक देखकर नहीं, परख कर खरीदें मिठाइयां

गोपालगंज : दीपावली को देखते हुए अब लोगों का रुख बाजारों की ओर है। इलेक्ट्रॉनिक्स सामान से लेकर मिठाई व अन्य सामान की खरीद को लेकर लोगों में उत्साह दिखने लगा है। लेकिन यहां मिलावट का कारोबार करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। त्योहारों के मौके पर मिलावटी मिठाइयों का कारोबार होने की संभावना को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को सचेत रहने की भी जरूरत है। ऐसे में मिठाइयों की खरीद करते समय दुकानों की चमक दमक पर कतई न जाएं तथा सोच समझकर ही मिठाइयां खरीदें ।

दीपावली के मौके पर मिठाइयों की मांग अधिक बढ़ जाती है। मिठाई बेचने वाले कारोबारी भी इस मौके को अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहते। वे मुनाफाखोरी से लेकर मिलावट तक का काम करते हैं। ऐसे में बाजार से मिठाई खरीदने के पूर्व उसे परख लें। बाजार में बिक रही मिठाइयों में खोवा से लेकर मेवा व घी भी घटिया व नकली हो सकते हैं। विशेष तौर पर दीपावली के मौके पर मिठाइयों की मांग बढ़ने से इसमें मिलावट भी बढ़ जाती है। इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की मानें तो दीपावली के समय दूध से लेकर खोवा के दाम बढ़ जाते हैं। मौजूदा समय में दूध की कीमत 42 से 45 रुपये प्रति लीटर है। एक लीटर दूध में 180 से 200 ग्राम तक खोवा निकल पाता है। इस प्रकार एक किलोग्राम खोवा की कीमत ही 220 से 240 रुपये आती है। ऐसे में अगर खोवा की मिठाई की कीमत कम है तो उसमें मिलावट की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। इनसेट

शुद्ध खोवा की क्या है पहचान

गोपालगंज : खोवा को हथेली पर लेकर रगड़ने पर अपेक्षाकृत अधिक चिकनाई नहीं मिलती है तो मिठाई की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। बढि़या खोवा खाने में थोड़ा खट्टा भी होता है। इनसेट

लड्डू में भी होती है मिलावट

गोपालगंज : दीपावली के मौके पर लड्डू की मांग बढ़ जाती है। इस त्योहार के लिए लड्डू को उपयुक्त मिठाई माना जाता है। लेकिन इसमें भी मिलावट होती है। लड्डू बनाने वाले कारीगर खेसारी व मैदा की भी मिलावट करते हैं। इतना ही नहीं रिफाइन व घी के बदले घटिया तेल का प्रयोग कर इसमें भी मिलावट की जाती है। इनसेट

कहते हैं चिकित्सक

दीपावली पर घर में बनाई जाने वाले मिठाइयों का प्रयोग बेहतर है। घटिया किस्म की मिठाइयां खाने से कैंसर, हृदय रोग तथा नस जनित रोग के अलावा एसिडीटी जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। ऐसे में लोगों को घटिया किस्म की मिठाइयों से बचने की जरूरत है।

डॉ. सुनील कुमार रंजन

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