यहां 450 जनप्रतिनिधि अब भी निरक्षर

गोपालगंज। सरकारी स्तर पर लोगों को साक्षर किये जाने के अभियान पर प्रति वर्ष करोड़ो रुपये खर्च किये

By Edited By: Publish:Wed, 01 Jul 2015 07:12 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2015 07:12 PM (IST)
यहां 450 जनप्रतिनिधि अब भी निरक्षर

गोपालगंज। सरकारी स्तर पर लोगों को साक्षर किये जाने के अभियान पर प्रति वर्ष करोड़ो रुपये खर्च किये जाते हैं। इसके लिए सरकारी स्तर पर अभियान चलाया जाता है। इसके लिए संसद व विधान मंडलों में कानून भी जन प्रतिनिधि ही बनाते हैं। लेकिन इस जिले की त्रासदी यह है कि यहां 450 जनप्रतिनिधि अब भी निरक्षर है। ये आंकड़े व्यवस्थागत खामियों की ओर इशारा करने के लिए काफी हैं।

सात जुलाई को होने वाले बिहार विधान परिषद के चुनाव को लेकर तैयार की गयी मतदाता सूची से इस बात का खुलासा हुआ है कि जिले के कुल 3823 जनप्रतिनिधियों में 450 जन प्रतिनिधि पूरी तरह से निरक्षर हैं। इसी प्रकार नवीं से कम पढ़े जनप्रतिनिधियों की संख्या 418 है। जिले में सबसे अधिक निरक्षर जनप्रतिनिधि बैकुंठपुर प्रखंड में हैं। यहां के कुल जन प्रतिनिधियों में 20.79 प्रतिशत निरक्षर है। जबकि सबसे अधिक साक्षर जन प्रतिनिधि देने में हथुआ प्रखंड आगे है। आंकड़ों की मानें तो बैकुंठपुर के अलावा कुचायकोट, थावे, फुलवरिया, विजयीपुर, सिधवलिया, कटेया, बरौली तथा गोपालगंज प्रखंड में भी निरक्षर जन प्रतिनिधियों की संख्या उनकी कुल संख्या का दस प्रतिशत से अधिक है। हद तो यह कि यहां स्नातक से अधिक शिक्षा ग्रहण करने वाले जनप्रतिनिधि मात्र चौदह हैं। पूरे जिले में निरक्षर जन प्रतिनिधियों की संख्या 11.77 प्रतिशत होना लंबे समय से चलाए जा रहे साक्षरता अभियान की व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं।

इनसेट

मैट्रिक पास मात्र 556

गोपालगंज : आंकड़ों की मानें तो जिले के कुल 3823 जन प्रतिनिधियों में मैट्रिक पास की संख्या मात्र 556 है। इसी प्रकार इंटर पास जन प्रतिनिधि 251 तथा स्नातक पास की संख्या 162 है।

इनसेट

साक्षर व निरक्षर जनप्रतिनिधियों का आंकड़ा

प्रखंड निरक्षर साक्षर

कुचायकोट 56 261

उंचकागांव 15 90

हथुआ 13 267

भोरे 21 122

थावे 22 57

फुलवरिया 31 61

मांझा 31 203

विजयीपुर 25 122

सिधवलिया 42 89

कटेया 22 106

पंचदेवरी 11 94

बरौली 50 180

गोपालगंज 32 159

बैकुंठपुर 79 143

कुल 450 1954

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