जहां न पीने का आंसू और न खाने को जहर है

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर की जयंती पर शहर के शंभू मेरिज हाल में

By Edited By: Publish:Sat, 20 Dec 2014 11:25 AM (IST) Updated:Sat, 20 Dec 2014 11:25 AM (IST)
जहां न पीने का आंसू और न खाने को जहर है

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर की जयंती पर शहर के शंभू मेरिज हाल में गुरुवार की रात कवि सम्मेलन कवि सम्मेलन में कवियों ने भोजपुरी माटी की सुगंध बिखेर दिया। कवि सम्मेलन की शुरुआत सरस्वती वंदना से सुभाष यादव प्राचार्य दरोगा राय महाविद्यालय सिवान ने किया। तंग इनायत पुरी ने अपने शेर, यह शहर है, जहां न पीने का आंसू और न खाने को जहर है, सुनाकर खूब तालियां बटोरी। उसके बाद गारेखनाथ यादव गुंजन वरीय व्याख्यता डायट थावे ने, हम सांच कहिले त उनका झूठ लागेला, हम निरइठे दिले तबों उनका जूठ लागेला., सुनाया तो तो महफिल में भोजपूरी की समा बंध गयी।

काव्य पाठ के दौरान बादशाह तिवारी प्रेमी ने बफर सिस्टम भोज पर कुठारा घात करते हुए काफी तालियां बटोरी। युवा कवि संजय कुमार मिश्र संजय ने पीतर के गगरी पर सोना के पानी सुनाकर, छल प्रपंच करने वालों पर प्रहार किया। योगेंद्र शर्मा मुंहफट ने इ पटना ह पटी ना, केतनों लसी अइब सटी ना, सुनाया तो पूरा सदन ठहाका लगाने पर मजबूर हो गया। परवेज अशरफ हसन पूरवी ने अपने हास्य एवं व्यंग्य से लोगों को काफी गुदगुदाया।

कवि हृदय पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने अपनी रचना आधी रोटी पूरा चांद सुनाकर सोचने पर विवश कर दिया तथा अपनी दूसरी भोजपुरी रचना सुनाकर भोजापुरियों के मन में अपना स्थान बना लिया। इस अवसर पर अन्य नामचीन कवियों, शायरों, मनीष कुमार मिश्र, अवध किशोर अवध, परवाना सिवानी, भगवान सिंह भाष्कर, आनंद मोहन झघ ने काब्य पाठ करने श्रोताअेां का मन मोह लिया।

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