किसने किया है ऐसा... औरंगाबाद में नगर परिषद की ओर से लगाए गए सभी साइन बोर्ड काे तोड़ा

औरंगाबाद नगर परिषद की ओर से शहर में जगह-जगह साइन बोर्ड लगाए गए। लेकिन अधिकांश को उपद्रवी तत्‍वों ने क्षतिग्रस्‍त कर दिया है। यहां तक कि डीएम और एसपी आवास के साइन बोर्ड भी तोड़ दिए गए हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:56 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:56 AM (IST)
किसने किया है ऐसा... औरंगाबाद में नगर परिषद की ओर से लगाए गए सभी साइन बोर्ड काे तोड़ा
औरंगाबाद शहर में क्षतिग्रस्‍त साइन बोर्ड। जागरण

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। नगर परिषद औरंगाबाद की ओर से शहर के सभी वार्डों व मोहल्लों में संकेतक बोर्ड (Sign Board) लगाए गए। करीब छह माह पहले से बोर्ड लगाए जा रहे हैं। कुछ मोहल्लों में अभी लगाया जाना शेष ही है। इस बीच कुछ उपद्रवियों ने अधिकांश बोर्ड को तोड़ दिया है। हद तो यह कि डीएम एवं एसपी आवास के सामने पुरानी जीटी रोड पर जिलाधिकारी आवास के लगे संकेतक बोर्ड को भी तोड़ दिया गया है। बोर्ड को तोड़ने वाले बदमाशों को डीएम आवास की सुरक्षा में हर समय तैनात रहने वाले सुरक्षाकर्मियों का डर भी नहीं लगा। जबकि सुरक्षाकर्मी जिस जगह पर तैनात होकर डीएम आवास की सुरक्षा करते हैं उसके सामने ही बोर्ड लगाया गया है।

अधिकांश बोर्ड को कर दिया गया क्षतिग्रस्‍त  

इसके अलावा पुरानी जीटी रोडपर श्रीकृष्ण बाबू, अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज के अलावा अन्य संकेतक बोर्ड को तोड़ दिया गया है। सदर प्रखंड कार्यालय के पास स्थित जिला कृषि कार्यालय के अलावा अन्य कार्यालय के लगे संकेतक बोर्ड को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। शहर के मोहल्लों में लगाए गए अधिकांश संकेतक बोर्ड को तोड़दिया गया है। बताई गई कि कुछ बोर्ड को तो विवादित सड़क, मोहल्ला का नाम लिख देने के कारण तोड़ दिया गया है। बताया गया कि शहर में टेंडर के तहत बोर्ड को लगाया गया है।

अच्‍छे संदेश लिखे बोर्ड को किया तहस-नहस   

लगाए गए बोर्ड पर स्वच्छ और सुंदर औरंगाबाद, डस्टबिन का प्रयोग करें, यातायात नियमों को पालन करें जैसी बातें लिखी गई है। शहर में सड़क और मोहल्लों की पहचान के लिए बोर्ड को लगाया गया है। नगर परिषद के उपाध्यक्ष प्रतिनिधि सह रेडक्रॉस के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह ने बताया कि नागरिकों को बोर्ड की सुरक्षा करनी चाहिए। बोर्ड नागरिकों की सहुलियत के लिए ही लगाया गया है। बोर्ड को सुरक्षित रखने के लिए नागरिकों को जागरूक होने की जरूरत है। अगर बोर्ड को लगाने से किसी को आपत्ति होती है तो नागरिक नगर परिषद में शिकायत करें। त्वरित कार्रवाई की जाएगी। बताया कि एक बोर्ड में लगाने में करीब दस हजार रुपये खर्च हुआ है।

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