गया में ग्रामीणों की एकता के चर्चे, प्रशासन ने दिखाई उदासीनता तो खुद ही बना दी सड़क

गया में प्रशासन की उदासीनता से त्रस्त ग्रामीणों ने परेशानी को देखते हुए खुद ही कच्ची सड़क का निर्माण कर दिया। ग्रामीणों के इस प्रयास के चर्चे होने लगे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 15 Jul 2020 02:08 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jul 2020 02:08 PM (IST)
गया में ग्रामीणों की एकता के चर्चे, प्रशासन ने दिखाई उदासीनता तो खुद ही बना दी सड़क
गया में ग्रामीणों की एकता के चर्चे, प्रशासन ने दिखाई उदासीनता तो खुद ही बना दी सड़क

गया, जेएनएन। एकता में कितनी ताकत है? ये देखना हो तो बिहार का गया जिला उदाहरण बना है। यहां प्रशासन की उदासीनता से त्रस्त ग्रामीणों ने परेशानी को देखते हुए खुद ही कच्ची सड़क का निर्माण करना शुरू कर दिया। ये वाक्या है फतेहपुर प्रखंड के गोहरा का टोला नावाडीह का। अब ग्रामीणों के इस प्रयास के चर्चे होने लगे हैं। कच्ची ही सही सड़क बनने से ग्रामीणों को सुविधा हो रही है। 

20 घरों की बस्ती में रहते हैं 200 लोग

फतेहपुर प्रखंड के गोहरा का टोला नावाडीह में 20 घरों की बस्ती है, जिसमें करीब 200 लोग रहते हैं। सरकारी योजना के तहत अभी तक सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। यहां सड़क नहीं रहने के कारण बाशिंदे काफी दिनों से परेशान थे। जानकारी के अनुसार नावाडीह में के इस टोले में सात निश्चय योजना से भी काम नहीं हो सका है। मजबूरन मंगलवार को खुद ही लोग श्रमदान से सड़क निर्माण कराने का प्रयास  में लग गये। जिससे आने-जाने में सुविधा हो सके।  

बरसात में सबसे ज्यादा परेशानी

नावाडीह के निवासी चंदेश्वर यादव ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई गई। इसके बाद भी जिम्मेदार लोग नहीं चेत रहे थे। सड़क निर्माण नहीं होने के कारण बरसात में सबसे ज्यादा परेशानी स्थानीय लोगों को उठानी पड़ती है। सरकारी पहल नहीं होती देख ग्रामीणों ने मजबूरी में खुद मेहनत से कच्ची सड़क का फिलहाल निर्माण कर दिया है।

मुखिया बोलीं, जमीन को लेकर बनी है समस्या

इस मसले पर पंचायत की मुखिया रंजु रानी ने बताया कि सड़क के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है। टोले के लिए रही रैयती जमीन से ही सड़क का निर्माण हो सकता है, परंतु जिनकी जमीन है वह अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं। इसके लिए कई बार लोगों से आपसी सहमति करते हुए जमीन लेकर सड़क निर्माण कराने का प्रयास किया गया, पर पूर्ण सहमति नहीं बनने के कारण सड़क निर्माण अधर में लटका हुआ है। 

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