'मंजिल' पर पहुंचकर लड़खड़ा जाए कदम, ऐसा है डेहरी का मोक्षधाम, अंतिम संस्‍कार में भी होती भारी परेशानी

लगभग दो लाख की आबादी वाले डेहरी शहर में मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए सोन नदी के किनारे एकमात्र मोक्ष धाम (श्मशान घाट) है जहां आए दिन कोरोना संक्रमण व सामान्य मौत से औसतन आठ-दस शव का दाह संस्कार किया जा रहा है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 02:44 PM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 02:44 PM (IST)
'मंजिल' पर पहुंचकर लड़खड़ा जाए कदम, ऐसा है डेहरी का मोक्षधाम, अंतिम संस्‍कार में भी होती भारी परेशानी
डेहरी ऑनसोन के श्‍मशान घाट की बदतर हालत से लोग परेशान। जागरण।

संवाद सहयोगी, डेहरी ऑनसोन (सासाराम)। लगभग दो लाख की आबादी वाले डेहरी शहर में मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए सोन नदी के किनारे एकमात्र मोक्ष धाम (श्मशान घाट) है, जहां आए दिन कोरोना संक्रमण व सामान्य मौत से औसतन आठ-दस शव का दाह संस्कार किया जा रहा है। लेकिन, नगर परिषद द्वारा साफ-सफाई नहीं कराए जाने के चलते अंतिम संस्कार में भी भाग लेने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा  है। वहीं मुखाग्नि के लिए दाह (अग्नि) उपलब्ध कराने वाले व्यवस्थापक द्वारा लोगों के साथ मनमानी राशि की वसूली की जा रही है।

एक तरफ कोरोना संक्रमण में कई जगहों पर सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं संस्थाओं द्वारा लोगों को सुविधा मुहैया कराई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ श्मशान घाट पर मुखाग्नि उपलब्ध कराने के लिए मनमाने तरीके से 10 से 15 हजार रुपए की वसूली किए जाने की शिकायत मिली है। जिसकी पुष्टि नप के कार्यपालक पदाधिकारी ने भी की है।

घाट पर मां काली मंदिर के पुजारी विक्रमा दास कहते हैं कि प्रत्येक आठ - दस शव की अंत्येष्टि क्रिया हो रही है, जिसमें निश्चित रूप से दो-तीन कोरोना से संक्रमित लोग आ रहे हैं। गंदगी के चलते यहां रहना मुश्किल सा हो गया है। 30 वर्षों से उक्त घाट पर स्थित मंदिर के पुजारी होने के नाते कहते हैं कि स्थानीय लोगों द्वारा वर्ष में एक बार छठ व्रत के समय इसकी सफाई की जाती है। नगर प्रशासन द्वारा कभी भी सफाई नहीं कराई जाती है।

क्या है सुविधा

सुविधा के नाम पर मारवाड़ी समाज द्वारा एक व नप द्वारा निर्मित एक शेड का निर्माण किया गया है, जहां पर दाह संस्कार करने आए लोग बैठते हैं। इसके अलावा चंदा इकट्ठा कर दो छोटे-छोटे शेड का निर्माण किया गया है, जो आधा अधूरा हैं। यहां नगर परिषद द्वारा 7.40 लाख रुपए की लागत से एक शेड का निर्माण किया गया है, किंतु वह पर्याप्त नहीं है। हालांकि सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जगह-जगह बैठने की अस्थाई कुर्सी बनाई गई है। नेशनल हाईवे संख्या दो से शव लेकर उतरने के लिए सीढ़ी पर रेलिंग नहीं होने के चलते लोगों को गिरने की अधिक संभावना बनी रहती है। आए दिन अंत्येष्टि करने सोन नदी में गए कई लोगो की बाइक भी चोरी चली गई है।

कहते हैं अधिकारी

डेहरी डालमियानगर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक कहते हैं कि शिकायत मिली है कि कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी को अवसर में बदलकर कुछ लोगों द्वारा अंत्येष्टि करने गए लोगों के परिजनों से मनमाने तरीके से वसूली की जा रही है। जिसे लेकर सफाई जमादार को नोटिस जारी कर मामले की छानबीन करने को कहा गया है। साथ ही उक्त स्थल की सफाई व विधि व्यवस्था को लेकर भी सफाई जमादार को निर्देशित किया गया है।

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